जून या जुलाई कब आएगा मानसून? दस्तक देकर मानसून ठहर-सा गया है !

अरब सागर में सक्रिय चक्रवात अगर असर नहीं डालता तो अब तक बिहार-झारखंड एवं बंगाल समेत पूर्वोत्तर भारत के अधिकांश हिस्सों में मानसून की बारिश हो रही होती। केरल में दस्तक देकर मानसून ठहर-सा गया है। मानसून में विलंब का ही असर है कि इन राज्यों में अभी लू चल रही है।

भारतीय मौसम विभाग (IMD) का अनुमान है कि अगले चार दिनों तक ऐसी ही स्थिति बनी रहेगी। तापमान स्थिर रहेगा। कहीं-कहीं बढ़ भी सकता है। पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों को भी चपेट में ले सकता है। 13 जून के बाद से लू की स्थिति कमजोर होने लगेगी।

आईएमडी ने शुक्रवार को दो तरह की चेतावनी जारी की है। लू को लेकर बिहार-झारखंड, ओडिशा एवं सिक्किम के लोगों को सतर्क किया है तो दूसरा अरब सागर में चक्रवात को लेकर गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु एवं केरल के मछुआरों को समुद्र में जाने से मना किया है।

आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में भी चार दिनों तक लू चलने की आशंका जताई गई है। उधर, केरल में दस्तक देकर मानसून ठहर-सा गया है। हालांकि, शनिवार से यह फिर से जोर पकड़ सकता है। इस दौरान तमिलनाडु के कुछ हिस्से में प्रवेश करते हुए बंगाल की खाड़ी की ओर बढ़ेगा। 12 जून तक सिक्किम समेत उत्तर पूर्वी राज्यों के अधिकांश हिस्से तक मानसूनी बारिश होने लग जाएगी।

अरब सागर का चक्रवात ‘बिपरजॉय’ धीरे-धीरे प्रचंड होता जा रहा है। गोवा, कर्नाटक, महाराष्ट्र एवं गुजरात को अलर्ट पर रखा गया है। आईएमडी का कहना है कि रविवार तक इसकी हवाओं की गति 150-165 किमी प्रति घंटे तक हो सकती है।

हालांकि, चक्रवात के आगे बढ़ने की रफ्तार पांच से छह किमी प्रति घंटा रह सकती है। अभी यह गुजरात के करीब आता जा रहा है। 13-14 जून को लगभग चार सौ किमी दूर रह जाएगा। इसके असर से अगले पांच दिनों के दौरान गुजरात के कई स्थानों में वर्षा हो सकती है। स्थल भाग में 35-40 किमी प्रति घंटा की गति से हवा भी चल सकती है।

 

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