पूर्वी दिल्ली के छह मार्गों का बाकी शहर से संपर्क कटा
न्यूज़ ऑनलाइन एसएम. सचिन मीणा. नई दिल्ली
बाढ़ से शुक्रवार को पूर्वी को बाकी दिल्ली से जोड़ने वाली कई अहम सड़कों पर पानी भर गया। इससे आईटीओ व गीता कालोनी पुल को बंद करना पड़ा जबकि बृहस्पतिवार को सिग्नेचर ब्रिज और शास्त्री पार्क पर आवाजाही बंद थी।इसका नतीजा यह रहा कि यमुना के दोनों तरफ की दिल्ली की दूरी बढ़ गई।
आम लोगों को दूसरे व लंबे रास्ते से यमुना पार करनी पड़ी। लोग निजामुद्दीन,डीएनडी व कालिंदी कुंज पुल से होकर अपनी मंजिल तक पहुंचे। ट्रैफिक पुलिस का कहना है कि बाढ़ का पानी उतरने के बाद ही इन रास्तों को खोला जा सकेगा। इससे पहले जरूरी होने पर ही मेट्रो से सफर करने की अधिकारियों ने सलाह दी है।
दरअसल, बाढ़ की वजह से शुक्रवार कश्मीरी गेट से सुप्रीम कोर्ट तक रिंग रोड पर पानी भरा हुआ था। वहीं, इस अहम सड़क को पूर्वी दिल्ली से जोड़ने वाली दूसरी सड़कें भी लबालब रहीं। इससे पूर्वी दिल्ली को शेष दिल्ली से जोड़ने वाले दो अहम पुल बंद करने पड़े। आईटीओ व गीता काॅलोनी पुल बंद करने के साथ इसका ट्रैफिक निजामुद्दीन पुल पर डायवर्ट कर दिया। इस रूट पर सभी बसें भी बंद कर दी गई थी। इससे लोगों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा।
सामग्री लाने वाले वाहनों पर प्रतिबंध नहीं यातायात पुलिस अधिकारियों के अनुसार आवश्यक वस्तुओं/ सेवाओं और राहत सामग्री ले जाने वाले वाहनों पर कोई प्रतिबंध नहीं है। यात्रियों को सलाह दी जाती है कि वे प्रशासन द्वारा जारी हाई अलर्ट के मद्देनजर निचले इलाकों में यात्रा योजनाओं को स्थगित कर दें।
पुलों की मौजूदा स्थिति
सिग्नेचर ब्रिज बंद
वजीराबाद ब्रिज बंद
कश्मीरी गेट बंद
लोहे का पुल बंद
गीता कालोनी बंद
विकास मार्ग बंद
निजामुद्दीन पुल खुला
डीएनडी खुला
कालिंदी कुंज खुला
यह मार्ग पूरी तरह किए बंद
भैरों मार्ग, रिंग रोड (आईपी डिपो से आईपी फ्लाईओवर से मजनू का टीला)। पुराना लोहे का पुल पुस्ता से श्मशान घाट, सलीम गढ़ बाईपास।
विकास मार्ग आईपी फ्लाईओवर से लक्ष्मी नगर की ओर। चंदगी राम अखाड़ा से आईपी कॉलेज दोनों कैरिजवे। मजनू का टीला से आईएसबीटी दोनों कैरिजवे।
शांति वन चौक से गीता कॉलोनी दोनों कैरिजवे। आउटर रिंग रोड, मुकरबा चौक से वजीराबाद।
इन मार्गों पर भरा पानी
भैरों मार्ग : रिंग रोड टी-पॉइंट से गेट नंबर 3, प्रगति मैदान तक।
रिंग रोड : मजनू का टीला से यमुना बाजार मंदिर।
शांति वन चौक : आईजीआई स्टेडियम तक।
बुलेवार्ड रोड आईएसबीटी टी-पॉइंट से गेट नंबर 5, कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशन तक। आईपी फ्लाईओवर के नीचे।
परिवर्तित मार्ग
अक्षरधाम-निजामुद्दीन खत्ता से केवल आश्रम की ओर। अप्सरा बॉर्डर से रोड नंबर 56 तक। अप्सरा बॉर्डर से जीटी रोड होते हुए रोड नंबर 57 की ओर। आउटर रिंग रोड – रोहिणी से आईएसबीटी के बीच जीटीके रोड की ओर आवाजाही की अनुमति है। आजादपुर की ओर से जीटी करनाल रोड से रोहिणी की ओर।
यहां पर वाहनों की आवाजाही नियंत्रित की जाएगी
वजीराबाद ब्रिज, सिग्नेचर ब्रिज, आईटीओ की ओर विकास मार्ग, शास्त्री पार्क से खजूरी चौक से खजूरी पुश्ता, भीखू राम जैन मार्ग तीस हजारी कोर्ट से एमसीडी चौक तक, माल रोड से वेलोड्रोम मार्ग, तीस हजारी कोर्ट से शास्त्री पार्क की ओर युधिष्ठिर सेतु तक बुलेवार्ड रोड।
रिंग रोड पर पानी भरने से बस सेवाएं प्रभावित
बाढ़ का पानी रिंग रोड पर भरने से शुक्रवार को डीटीसी की परिवहन व्यवस्था चरमरा गई। पूर्वी को पश्चिमी दिल्ली से जोड़ने वाली बसों के रूट छोटा करने से यात्रियों को खासी परेशानी का सामना करना पड़ा। हालांकि, इस दौरान लोगों का सहारा मेट्रो बनी। मेट्रो की रेड व ब्लू लाइन ने यात्रियों का सफर आसान किया।
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) के मुताबिक, बाढ़ आने के बाद से हर दिन 60 लाख से अधिक यात्री मेट्रो का सफर कर रहे हैं। यह सामान्य दिनों में आम तौर पर सोमवार के दिन ही देखने को मिलता था। डीटीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि रिंग रोड बंद होने से अधिक परेशानी हो रही है।
हालांकि, यात्रियों को बस सेवा दी जारी है। कश्मीरी गेट, राजघाट, आईपी डिपो में पानी भरने से यहां से बसों को संचालित नहीं किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यात्रियों को बेहतर सुविधा दी जाए इसके लिए निरंतर कार्य किया जा रहा है। इसका असर दिल्ली मेट्रो पर देखा गया। सरकारी दफ्तरों में छुट्टी के बावजूद भी मेट्रो स्टेशनों पर भीड़ लगी रही। दिल्ली मेट्रो का कहना है कि इस बीच मेट्रो की सेवाएं निर्बाध रहीं।
कश्मीरी गेट के आस-पास के इलाकों में पानी से भरने से बृहस्पतिवार को डीएमआरसी के कश्मीरी गेट रिसीविंग सब स्टेशन (आरएसएस) जो 34.5 किमी लंबी रेड लाइन के 17 किमी खंड पर ट्रेनों व स्टेशनों को चलाने के लिए बिजली आपूर्ति का मुख्य स्रोत को भी बंद करन पड़ा था। ऐसे में डीएमआरसी के इंजीनियरों ने कुशलता पूर्वक इसे दुरुस्त किया और मेट्रो सुचारू रूप से संचालित की गई।
आर्मी ने बहाल किया बांध ठीक होगा रेगुलेटर
क्षतिग्रस्त हुए ड्रेन नंबर-12 पर बने रेगुलेटर (आईएनएफसी रेगुलेटर) जल्द ठीक हो सकता है। आर्मी ने शुक्रवार देर तक यहां बांध बनाकर रेगुलेटर को ठीक करने का काम शुरू कर दिया। उम्मीद है कि शनिवार से यमुना जल के भराव से कुछ राहत मिलेगी। शुक्रवार सुबह से ही आर्मी के जवान, एनडीआरएफ सहित अन्य विभाग के कर्मचारियों इसे ठीक करने में जुटे रहे।
मिली जानकारी के देर रात तक भारतीय सेना के इंजीनियरिंग कोर से तीन अधिकारी, छह जेसीओ और 45 जवानों के अलावा अन्य कर्मियों ने बांध को बहाल करने का 80 फीसदी काम पूरा कर लिया है। इसके टूटने से नदी का पानी 12 नंबर नाले में चला गया। इसके रेगुलेटर को नुकसान पहुंचा। रेगुलेटर पहले से खराब था और यमुना के बहाव में टूट गया। अधिकारियों ने बताया कि देर रात तक इसे पूरा कर लिया जाएगा जिसके बाद नाले के मुहाने पर रेगुलेटर दुरुस्त करने का काम शुरू होगा। इसके ठीक होने के बाद यमुना का पानी नाले में आना बंद हो जाएगा। बांध बनने के बाद पंप नाले से बहते पानी को नदी में डालना शुरू कर देंगे।
जलस्तर घटने की रफ्तार बहुत धीमी
यमुना 1978 के जलस्तर से अब भी ऊपर है। इसका वेग भी ज्यादा है। शुक्रवार को हथिनीकुंड बैराज से हर घंटे 60,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया। हथिनीकुंड बैराज के पास कोई जलाशय नहीं है, इसलिए यहां पानी को रोका नहीं जा सकता। पीछे पहाड़ों से लगातार पानी आ रहा है और वहां से इसे छोड़ा जा रहा है इसलिए यमुना का जलस्तर घटने की गति बेहद धीमी है।
नई, मध्य, उत्तरी व दक्षिण दिल्ली में पेयजल आपूर्ति दिनभर प्रभावित
दिल्ली जलबोर्ड के वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला जल शोधक संयंत्र बाढ़ का पानी घुसने से शुक्रवार को नहीं चल सके। इस कारण इन संंयंत्रों से जुड़े नई दिल्ली, मध्य दिल्ली, उत्तरी दिल्ली और दक्षिण दिल्ली के अनेक इलाकों के लोगों को पेयजल संकट का सामना करना पड़ा। कई इलाकों के लोगों ने पेयजल संकट से पार पाने के लिए जल बोर्ड से टैंकर मंगवाए।
राजधानी में शुक्रवार को मंदिर मार्ग, पंचकुइयां रोड, गांधी सदन, गोल मार्केट, अशोक रोड, जय सिंह रोड, कनॉट प्लेस, बंगाली मार्केट, शंकर मार्केट, बाराखंभा रोड, तिलक मार्ग, आरपी रोड, फिरोजशाह रोड, सिकंदरा रोड, भगवान दास रोड, पुराना किला रोड, मथुरा रोड, शेरशाह सूरी मार्ग, जनपथ, विनय मार्ग, सत्य मार्ग साउथ एवेन्यू, नॉर्थ एवेन्यू, सरोजिनी नगर, तुगलक रोड, तीन मूर्ति लेन, अकबर रोड, मोती लाल नेहरू मार्ग, तीस जनवरी मार्ग, मदर टेरेसा रोड, पृथ्वी राज रोड, राजेश पायलट मार्ग, के मेनन मार्ग, मान सिंह रोड, मौलाना आजाद रोड, सिविल लाइंस, कमला नगर, शक्ति नगर, करोल बाग, पहाड़ गंज, राजेंद्र नगर, पटेल नगर, बलजीत नगर, प्रेम नगर, इंद्रपुरी, कालकाजी, गोविंदपुरी, तुगलकाबाद, संगम विहार, अंबेडकर नगर, प्रह्लादपुर, दिल्ली गेट, मॉडल टाउन, गुलाबी बाग, जहांगीरपुरी आदि इलाकों में पेयजल आपूर्ति नहीं आई।
दो दिन से नहीं आ रहा पानी
मुखर्जी नगर निवासी सुन्दर ने बताया कि उनके घर पर शुक्रवार को पेयजल आपूर्ति नहीं आई। इस कारण उन्होंने पीने का पानी खरीदा, जबकि घरेलू उपयोग के लिए उनकी सोसाइटी के लोगों ने जल बोर्ड से मंगाए गए टैंकर से पानी भरा, वहींं तिमारपुर में रह रहे रामप्रसाद के अनुसार, उनके यहांं भी पानी नहीं आया। सिविल लाइन निवासी मनीष शर्मा के अनुसार, उनके यहांं पानी नहीं आने पर उन्होंने टैंकर मंगाया। जगतपुर स्थित राधाकृष्ण मंदिर के महंत दीनबंध शास्त्री ने बताया कि उनके यहां दो दिन से पानी नहीं आ रहा है।
यमुना की बाढ़ में बह गईं बच्चों की उम्मीदें
यमुना की बाढ़ में खादर क्षेत्र में रहने वाले सैकड़ों बच्चों की उम्मीदें भी बह गईं। इनकी स्कूल ड्रेस, किताबें, बैग, सब कुछ बह गए। कई बच्चों की पिछली कक्षाओं के अंकपत्र व जरूरी कागजात यमुना में समा गए। बाढ़ राहत शिविरों में सबके अपने-अपने दर्द हैं, वहीं ये बच्चे अपनी पढ़ाई को लेकर फिक्रमंद हैं।
इन बच्चों के माता-पिता अपने गांव से दूर यमुना खादर में रहकर खेती करते हैं। अधिक पढ़े लिखे नहीं होने के कारण इनके मां-बाप की सोच यही है कि कैसे भी वे ज्यादा से ज्यादा फसल उगाएं और चार पैसे कमाकर अपने परिवार का पालन पोषण करें। इनके बच्चे घर और खेत के काम से फुरसत पाने के बाद जो समय बचता है, उसमें पढ़ाई करते हैं। लेकिन कई बच्चे ऐसे भी हैं, जोकि अपनी पढ़ाई को लेकर संजीदा हैं और तराई इलाके के कच्चे-पक्के रास्तों को तय कर नोएडा-दिल्ली लिंक रोड पार करते हैं और मयूर विहार के विभिन्न सरकारी स्कूलों में पढ़ने आते हैं।
आखिरी वक्त तक लगा कि नहीं बढ़ेगा पानी
इनके माता-पिता को लगा कि पानी उतना नहीं बढ़ेगा, जब आखिरी वक्त में पानी घरों में भरने लगा तो इन्हें घर छोड़ना पड़ा। लोग अपना कोई सामान साथ नहीं ला पाए। जब तक यमुना का पानी बढ़ा हुआ है, तब तक ये अपने घर नहीं लौट सकते।
पानी पर उपराज्यपाल-सरकार में तकरार
यमुना के घटते जलस्तर के साथ बचाव के लिए किए जा रहे राहत कार्यों पर उपराज्यपाल और दिल्ली सरकार के बीच सियासत उफान पर है। आईपी बस स्टैंड और डब्ल्यूएचओ बिल्डिंग के पास क्षतिग्रस्त हुए ड्रेन नंबर-12 पर बने रेगुलेटर (आईएनएफसी रेगुलेटर) को ठीक करवाने पहुंचे उपराज्यपाल वीके सक्सेना, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मंत्री सौरभ भारद्वाज के बीच का विवाद मीडिया के सामने आया।
यहां मीडिया के सामने ही मंत्री सौरभ भारद्वाज ने एलजी वीके सक्सेना से अधिकारियों का नाम लेकर बृहस्पतिवार देर रात एनडीआरएफ को न बुलाने की शिकायत की। इस पर उपराज्यपाल ने कहा कि कहने को मैं भी बहुत कुछ कह सकता हूं, लेकिन यह समय नहीं है। हमें मिलकर टीम की तरह दिल्ली को बचाने की जरूरत है।
दरअसल बृहस्पतिवार देर रात यमुना के तेज बहाव से इंद्रप्रस्थ रेगुलेटर का गेट नंबर 12 क्षतिग्रस्त हो गया। इससे यमुना का पानी शहर में घुस गया। यहां लगे रेगुलेटर की मदद से शहर के गंदे पानी को शोध करके यमुना में छोड़ने को नियंत्रित किया जाता है। इसके टूटने पर यमुना का पानी आईटीओ, सुप्रीम कोर्ट सहित आसपास के इलाको में घुटनों तक भर गया।
यहां दौरे पर पहुंचे उपराज्यपाल ने मंत्री के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि सुबह गृहमंत्री, आर्मी से बात हुई। उन्होंने मौके का मुआयना करके अपना काम शुरू कर दिया। यहां सेना, एनडीआरएफ, दिल्ली जल बोर्ड व अन्य विभाग कई स्तर पर काम कर रहे हैं। यहां पर मिट्टी , बड़े-बड़े पत्थरों को रखकर पानी को रोकने का प्रयास किया जा रहा है। पानी के बहाव को रोकने के लिए आर्मी बेस तैयार कर रही है। राजघाट पर एक ड्रेन बैक मार गया है, उसकी वजह से यमुना का पानी आया है। दिल्ली के कई इलाकों में यमुना के ओवर फ्लो की वजह से पानी आया है।
ट्रॉनिका सिटी समेत लोनी के दस गांवों में घुसा पानी :
गाजियाबाद में यमुना के किनारे तटबंध टूट जाने से ट्रॉनिका सिटी समेत लोनी के दस गांवों में चार फुट तक पानी भर गया है। लोगों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाने के लिए एनडीआरएफ की टीम को लगाया गया है।