एपेक्स कमेटी की बैठक न होने से डूब सकती है दिल्ली : देवेन्द्र यादव

 

न्यूज ऑनलाइन एसएम

सचिन मीणा

 

नई दिल्ली । दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेन्द्र यादव ने कहा कि यह दिल्ली का दुर्भाग्य है कि भारी जल जल संकट, भीष्ण गर्मी, जल भराव की समस्या के बाद अब दिल्लीवासियों के सर पर बाढ़ जैसी आपदा पड़ने वाली है, क्योंकि इस वर्ष आयोजित होने वाली एपेक्स कमेटी की बैठक मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के जेल में होने की वजह से आयोजित नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 2023 में आई विध्वंसकारी बाढ़ की तबाही से दिल्ली सरकार ने शायद कोई सीख नही ली हो परंतु दिल्ली की जनता में बाढ़ की आशंका से खौफ का माहौल पैदा हो गया है।

 

देवेन्द्र यादव ने मांग की कि फ्लड कंट्रोल के संबध में एपेक्स कमेटी की बैठक जल्द से जल्द बुलाई जाए।

 

*केजरीवाल है जेल में नही हो पाई एपेक्स कमेटी की बैठक*

 

देवेन्द्र यादव ने कहा कि बाढ़ नियंत्रण के लिए एपेक्स कमेटी की बैठक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में होनी निर्धारित है, जिसमें चयनित विधायकों, लोकसभा व राज्यसभा सांसदों की उपस्थिती तथा विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति जरुरी होती है। उन्होंने कहा कि यह फ्लड कंट्रोल ऑर्डर 2024 के मुताबिक एपेक्स कमेटी की बैठक जून के अंतिम सप्ताह में आयोजित होनी थी जो मुख्यमंत्री के जेल में होने के कारण नही हुई।

 

*भ्रष्टाचार की वजह से डूबी दिल्ली*

 

यादव ने कहा कि 28 जून को मानसून के पहली बारिश में ही दुनिया ने भ्रष्टाचार की वजह से दिल्ली को डूबते हुए देखा है। उन्होंने कहा कि बारिश का सही पूर्वानुमान लगाने में IMD बार-बार गलत साबित हो रहा है। उन्होंने कहा कि बदलता मौसम दुनिया में क्लाइमेट चेंज के मुद्दे के कारण बन रहा है।साथ ही दिल्ली में बाढ़ का मुख्य कारण ड्रेनेज सिस्टम का बेहद पुराना होना, नदी के तलहटी में गाद का जमा होना, यमुना नदी पर तमाम बांध का निर्माण, दिल्ली के 22 किलोमीटर के दायरे में 25 ब्रिज का होना है, जिसके चलते वर्षा जल का बिना अवरोध के बहाव बड़ी समस्या बनती है। उन्होंने कहा कि वजीराबाद पौंड में गाद की वजह से उसकी जलग्रहण क्षमता कम हो गई है। वर्ष 2013 के बाद से इसकी सफाई नहीं हुई है।

 

*हथनीकुंड बराज से मात्र 3.6 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से ही आई थी बाढ़*

 

देवेन्द्र यादव ने कहा कि अपर यमुना बेसिन में मानसून की अत्याधिक बारिश तथा पड़ोसी राज्यों द्वारा यमुना में पानी छोड़े जाने से दिल्ली में बाढ़ आ सकती है, क्योंकि पिछले वर्ष 2023 में हथनीकुंड बराज से मात्र 3.6 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने से ही बाढ़ आई थी, जो दिल्ली सरकार की प्रशासनिक विफलता के हुआ। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल में वर्ष 2013 में हथनीकुंड बराज से लगभग 8 लाख क्यूसेक पानी छोड़ने के बावजूद बाढ़ नहीं आई थी।

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