तिहाड़ जेल में बंद अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखने से मना किया गया।

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Sachin Meena

तिहाड़ जेल में बंद अरविंद केजरीवाल को पत्र लिखने से मना किया गया। जेल में बंद केजरीवाल 6 अप्रैल को दिल्ली के उपराज्यपाल को पत्र भेजने की कोशिश कर रहे थे।

जेल के नियमो के मुताबिक केवल निजी मामलों में ही बाहर अपने करीबियों को पत्र लिखा जा सकता है। इस पत्र में केजरीवाल ने एलजी को बताया था कि स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली सरकार के कार्यक्रम में आतिशी तिरंगा फहराएंगी।

 

बाद में इस पत्र के कुछ हिस्से मीडिया को लीक कर दिए गए (जो उपराज्यपाल को लिखा जा रहा था)। जिसमें जेल में मिली सुविधाओं का गलत इस्तेमाल है। जेल नम्बर 2 के सुपरिटेंडेंट ने केजरीवाल को चेतावनी दी कि वो दोबारा ऐसा न करें नहीं तो उनकी सुविधाएं कम कर दी जा सकती हैं।

 

‘ऐसा कोई पत्र नहीं मिला’

 

पिछले सप्ताह उपराज्यपाल को लिखे पत्र में केजरीवाल ने कहा था कि दिल्ली सरकार के स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के दौरान कैबिनेट मंत्री आतिशी उनकी जगह राष्ट्रीय ध्वज फहराएंगी। हालांकि उपराज्यपाल कार्यालय ने मुख्यमंत्री से कोई पत्र मिलने से इनकार किया है।

 

‘केवल नामित लोगों से ही पत्र-व्यवहार की अनुमति है’

 

तिहाड़ जेल अधिकारियों ने केजरीवाल को लिखे पत्र में कहा कि उपरोक्त नियमों को पढ़ने से स्पष्ट है कि आपका पत्र जेल से बाहर भेजने की अनुमति नहीं है। आपको केवल नामित लोगों के समूह से ही निजी पत्र-व्यवहार करने की अनुमति है। इसलिए 6 अगस्त को लिखा गया पत्र प्राप्तकर्ता को नहीं भेजा गया है, लेकिन यह पत्र दाखिल किया गया है।

 

केजरीवाल कथित शराब घोटाले के सिलसिले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के एक मामले में तिहाड़ जेल में बंद हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दर्ज शराब नीति घोटाले से संबंधित धन शोधन मामले में उन्हें सुप्रीम कोर्ट से अंतरिम जमानत मिली हुई है।

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