मरना भी हुआ आसान! 2 मिनट में बेहोश, 5 मिनट में मौत; क्या है स्विट्जरलैंड का Suicide Capsule?
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Sachin Meena
स्विट्जरलैंड में पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है और एक संदिग्ध मौत के मामले में क्रिमिनल केस शुरू कर दिया है। यह मौत यहां के नए और विवादित सुसाइड कैप्सूल से जुड़ी हुई है।
इस सुसाइड कैप्सूल का इस्तेमाल पहले कभी नहीं हुआ था। इस रिपोर्ट में जानिए सुसाइड कैप्सूल क्या है, इसे बनाने का उद्देश्य क्या है और इसे लेकर विवाद क्यों मचा हुआ है।
रिपोर्ट्स के अनुसार सोमवार को इस सुसाइड कैप्सूल का पहली बार इस्तेमाल किया गया। पुलिस का कहना है कि मामले में कई लोगों को हिरासत में लिया गया है और प्रॉसीक्यूटर्स ने आत्महत्या के लिए उकसाने और इसमें मदद करने के शक के आधार पर जांच शुरू कर दी है। इस सुसाइड कैप्सूल का निर्माण नीदरलैंड्स के एक असिस्टेड सुसाइड ग्रुप एग्जिट इंटरनेशनल (Exit International) ने किया है।
महिला की मौत पर क्या बोली कंपनी?
सुसाइड कैप्सूल के पहले इस्तेमाल में अमेरिका की एक 64 वर्षीय महिला की मौत हुई है। इसे लेकर एग्जिट इंटरनेशनल की ओर से जारी एक बयान में कहा गया कि यह महिला सीवियर इम्यून कॉम्प्रोमाइज से पीड़ित थी। यानी उसका इम्यूनिटी सिस्टम बेहद कमजोर हो गया था। बयान में कहा गया कि सोमवार की दोपहर सारको डिवाइस का इस्तेमाल करते हुए जर्मनी के बॉर्डर के पास उसकी जान चली गई।
बयान में यह भी कहा गया कि एग्जिट इंटरनेशनल की स्विट्जरलैंड में सहयोगी कंपनी द लास्ट रिजॉर्ट के को-प्रेसीडेंट फ्लोरियन विलेट उस महिला की मौत के समय वहां पर मौजूद अकेले शख्स थे। फ्लोरियन ने इस महिला के निधन को शांतिपूर्ण, तेज और सम्मान से भरा हुआ बताया है। बयान में आगे कहा गया कि सुसाइड कैप्सूल ने बिल्कुल उसी तरह से काम किया जिसके लिए इसे डिजाइन किया गया था।
जान देने स्विट्जरलैंड जाते हैं विदेशी!
स्विट्जरलैंड का कानून असिस्टेड सुसाइड की इजाजत देता है लेकिन शर्त यह है कि यह काम बिना किसी बाहरी मदद के होना चाहिए। अगर कोई व्यक्ति मरना चाहता है तो जो शख्स इस काम में इसकी मदद करता है उसका इसमें कोई निजी स्वार्थ नहीं होना चाहिए। उल्लेखनीय है कि स्विट्जरलैंड में इच्छामृत्यु की इजाजत नहीं मिलती जिसमें हेल्थकेयर प्रैक्टिशनर जहरीला इंजेक्शन देकर व्यक्ति को मौत देते हैं।
बता दें कि स्विट्जरलैंड दुनिया के उन गिने-चुने देशों में से एक है जहां विदेशी कानूनी तौर पर अपना जीवन समाप्त करने के लिए यात्रा करते हैं। यह देश ऐसे कई संगठनों का घर है जो लोगों की खुद की जान लेने में मदद करने का काम करते हैं। बता दें कि सुसाइड कैप्सूल से मौत के पहले मामले पर विवाद इसलिए मचा है क्योंकि आरोप लगाया गया है कि महिला को अपनी जान देने के लिए उकसाया गया था।
कैसे काम करता है सुसाइड कैप्सूल?
सारको पॉड (Sarco Pod) यानी सुसाइड कैप्सूल किसी व्यक्ति को चैन से मरने का ऑप्शन देता है। इसे इस तरह से डिजाइन किया गया है कि कोई व्यक्ति इसमें आराम से रिक्लाइनिंग सीट पर बैठ सकता है। फिर यह कैप्सूल सील हो जाता है। इसके अंदर एक बटन होता है जिसे दबाने पर नाइट्रोजन गैस रिलीज होती है। थोड़ी देर में अंदर बैठा शख्स सो जाता है और कुछ मिनटों में उसकी मौत हो जाती है।