Govardhan Puja Kaise Kare: घर में गोवर्धन पूजा कैसे करें? ये है सही पूजन विधि और शुभ मुहूर्त
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Sachin Meena
हिंदू धर्म के अनुसार, हर साल दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा करने का विधान है. इस साल गोवर्धन पूजा 2 नवंबर, दिन शनिवार को पड़ रही है. गोवर्धन पूजा को अन्नकूट भी कहा जाता है.
इस दिन गाय के गोबर से भगवान गोवर्धन की प्रतिमा बनाई जाती है और उन्हें 56 भोग का प्रसाद चढ़ाया जाता है. मान्यता है कि जो भी व्यक्ति गोवर्धन पूजा पूरे विधि-विधान से करता है, उसे भगवान गोवर्धन के साथ ही भगवान श्रीकृष्ण का भी आशीर्वाद प्राप्त होता है.
धार्मिक मान्यता है कि गोवर्धन पूजा करने व्यक्ति के घर में हमेशा सुख समृद्धि का वास भी बना रहता है. गोवर्धन पूजा के दिन घर के आंगन में गाय के गोबर से गोवर्धन नाथ की अल्पना बनाकर पूजा की जाती है और फिर ब्रज के साक्षात देवता माने जाने वाले गिरिराज भगवान को प्रसन्न करने के लिए उन्हें अन्नकूट का भोग लगाया जाता है. अगर आप भी गोवर्धन पूजा करने जा रहे हैं, तो आपको बताते हैं कि घर में गोवर्धन पूजा कैसे करें.
गोवर्धन पूजा विधि (Govardhan puja vidhi)
गोवर्धन पूजा के दिन सुबह जल्दी उठकर शरीर पर तेल मलकर स्नान करें.
स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें और अपने इष्ट देवता या देवी का ध्यान करें.
इसके बाद घर में गाय का गोबर लेकर आएं. ध्यान रहे कि गोबर शुद्ध हो.
गोबर में कंकड़ पत्थर नहीं होने चाहिए और न ही उसमें मिट्टी मिली हो.
गाय के गोबर से भगवान गोवर्धन की आकृति बनाएं.
गिरिराज पर्वत बनाकर उसपर कढ़ी चावल और अन्नकूट का भोग लगाएं.
गोवर्धन भगवान की आकृति शयन मुद्रा में बनाएं.
भगवान गोवर्धन की नाभि की जगह मिट्टी का दीपक रखें.
नाभि वाले दीपक में दूध, दही, शहद, बताशे और गंगाजल रखें.
बीच में दीपक रखने के बाद गोवर्धन कथा सुननी चाहिए.
ऐसा कहा जाता है कि घर में पुरुष गोवर्धन पूजा करते हैं.
भगवान की आकृति को फूलों से सजाएं और गोवर्धन भगवान का स्मरण करें.
इसके बाद पूजा शुरू करते हुए भगवान गोवर्धन को नैवेद्य और फल चढ़ाएं.
भगवान गोवर्धन के आगे दीप जलाएं और उनकी 7 बार परिक्रमा करें.
आकृति के चारों ओर परिक्रमा के दौरान लोटे से गंगाजल गिराते रहें.
जल गिराने के साथ साथ जौ के बीज भी बोते चलें.
परिक्रमा के बाद आखिर में भगवान गोवर्धन की आरती करें.
नाभि वाले दीपक का प्रसाद सभी में बांटें और भगवान गोवर्धन का आशीर्वाद लें.
गोवर्धन पूजा का समय क्या है? (Govardhan puja muhurat)
कार्तिक प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 1 नवंबर, शाम 6 बजकर 16 मिनट पर.
कार्तिक प्रतिपदा तिथि की समाप्ति 2 नवंबर, रात 8 बजकर 21 मिनट पर.
ऐसे में उदया तिथि के मुताबिक, गोवर्धन पूजा 2 नवंबर 2024 दिन शनिवार के दिन की जाएगी.
गोवर्धन पूजन कितने बजे से कितने बजे तक है? (Govardhan puja time)
गोवर्धन पूजा का शुभ मुहूर्त 2 नवंबर की शाम 6 बजकर 30 मिनट से रात 8 बजकर 45 मिनट तक है. गोवर्धन पूजा के लिए कुल 2 घंटा 45 मिनट का समय मिल रहा है.