चिटफंड धोखाधड़ी में जब्त होगी संपत्ति; दिल्ली सरकार ने तैयार किया नया प्लान
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Sachin Meena
दिल्ली सरकार चिटफंड कंपनियों द्वारा निवेश पर ज्यादा लाभ देकर धोखाधड़ी करने वालों सख्ती से निपटने का फैसला लिया है। इसे लेकर आतिशी सरकार नियमों में बदलाव कर रही है।
अब धोखाधड़ी करने वालों के संपत्ति का स्वामित्व सरकार के पास होगा। इसके अलावा निवेश की प्रक्रिया और सीमा को लेकर भी नए कानून बनाए जाएंगे। बुधवार को मुख्यमंत्री आतिशी ने सुरक्षित निवेश को लेकर नए नियमों की सिफारिश को मंजूरी दे दी है। नए नियम में अब सरकार के पास ऐसे मामलों पर सख्त कार्रवाई करने के अधिकार होंगे। उन्होंने कहा कि धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के सात काम किया जाएगा।
मुख्यमंत्री आतिशी ने नियम में बदलाव करने को लेकर कहा कि काफी समय से लोगों को हाई रिटर्न का वादा करने वाली फर्जी योजनाओं का लाभ दिखाकर गुमराह किया जाता रहा है। ये एक तरह से आम लोगों की मेहनत की कमाई पर डाका जालने जैसा है। उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है। अब नए नियम हमें इन योजनाओं की बारीकी से निगरानी करने और धोखेबाजों की जवाबदेही तय की जाएगी। ये नए नियम दिल्ली सरकार को चिटफंड और फर्जी हाई रिटर्न निवेश योजनाओं के जरिए धोखाधड़ी के मामलों से जुड़ी संपत्तियों की जांच और जब्त करने का अधिकार देते हैं।
दिल्ली सरकार संदिग्ध धोखाधड़ी के मामलों में फोरेंसिक और डिजिटल ऑडिट करने के लिए विशेष एजेंसियों की मदद लेगी। अब नए नियमों में धोखाधड़ी करने वालों की संपत्तियों को जब्त करने का अधिकार होगा। पहले ऐसी संपत्तियां जब्त करने की अनुमति नहीं थी, जिससे धोखाधड़ी करने वालों के खिलाफ प्रभावी ढंग से कार्रवाई करने की सरकार की क्षमता सीमित हो गई थी।
नए नियमों में सरकार ने खुद सहायता समूहों के लिए एक सीमा तय करते हुए एक बड़ा बदलाव किया है ताकि उनके काम में कोई अर्चन न आए। किसी भी सदस्य द्वारा हर महीने 50 हजार रुपये तक का योगदान और साल में अधिकतम 5 लाख रुपये तक का योगदान नियमों से बाहर रहेगा। इस प्रकार से छोटे, मंझोले और वास्तविक समूहों की गतिविधियां चलती रहेंगी। वहीं, इससे ज्यादा जमा पूंजी पर सरकार निगरानी रखेगी। इस सीमा से उनके काम पर कोई असर नहीं पड़ेगा। साथ ही यह भी ध्यान रखा जाएगा कि किसी के साथ गलत ना हो।