ट्रैन के दो कोच के बीच दब कर मर गया था जो शख्श, सामने आई उसके केस की जांच रिपोर्ट, पढ़ने वाले की कांप जाएगी रूह

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Sachin Meena

बिहार के बरौनी जंक्शन पर शंटिंग के दौरान हुई एक दुखद घटना में रेलवे कर्मचारी अमर कुमार की मौत हो गई। यह हादसा शनिवार सुबह हुआ, जब अमर कुमार, जो एक शंटिंगमैन के रूप में काम कर रहे थे, इंजन और बोगी के बीच में दब गए।

इस दुर्घटना के पीछे कोऑर्डिनेशन की कमी और रेलकर्मियों के बीच तालमेल की गलती बताई गई है। रेलवे की प्राथमिक जांच रिपोर्ट में इस घटना का कारण दो रेलकर्मियों, शंटिंगमैन अमर कुमार और उनके साथी मोहम्मद सुलेमान के बीच समन्वय की कमी को बताया गया है।

 

कैसे हुआ हादसा?

 

रेलवे की प्रारंभिक जांच के अनुसार, लखनऊ-बरौनी एक्सप्रेस (नंबर 15204) सुबह 8:10 बजे बरौनी जंक्शन पर पहुंची। इस समय स्टेशन मास्टर ने इंजन को बोगी से अलग करने का काम अमर कुमार और सुलेमान को सौंपा था। जब वे इस प्रक्रिया में लगे थे, अमर कुमार कोच और इंजन के बफर के बीच फंस गए और उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। हादसे के बाद घटनास्थल से शव को सुबह 10:15 बजे निकाल कर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया।

 

रेलवे द्वारा जारी रिपोर्ट में पांच अधिकारियों के हस्ताक्षर हैं, जिसमें बताया गया है कि शंटिंग प्रक्रिया के दौरान सुलेमान ने इंजन ड्राइवर को गलती से संदेश दे दिया, जिससे इंजन कोच से जुड़ा रह गया और अमर कुमार बीच में फंस गए। हालांकि, सुलेमान ने अपने बयान में कहा कि उन्होंने ड्राइवर को कोई इशारा नहीं दिया था और ड्राइवर ने खुद ही रिवर्स कर दिया, जिससे हादसा हुआ।

 

क्या होता है बफर?

 

बफर, ट्रेन के इंजन और कोच के दोनों सिरों पर लगा एक उपकरण होता है, जो दो बोगियों के बीच के टकराव के असर को कम करता है। बफर के बीच फंसने से शंटिंगमैन अमर कुमार को गंभीर चोटें आईं और उनकी मौके पर ही मौत हो गई। इस दर्दनाक घटना की तस्वीर वायरल होने के बाद रेलवे के कार्यप्रणाली पर कई सवाल खड़े हो गए हैं।

 

घटना का सीसीटीवी फुटेज और जांच

 

हादसे के बाद बरौनी जंक्शन पर लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज की जांच की गई, जिसमें यह घटना सुबह 8:29 बजे होती दिखाई दी। रेलवे के वरिष्ठ अधिकारी इस घटना की गंभीरता को देखते हुए विस्तृत जांच का आदेश दे चुके हैं। घटना के बारे में डीआरएम विवेक भूषण ने कहा है कि दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए गंभीरता से कदम उठाए जाएंगे। इसके साथ ही, रेलवे के प्रावधानों के तहत मृतक अमर कुमार के परिवार को मुआवजा दिया जाएगा।

अमर कुमार की पृष्ठभूमि और नौकरी

 

अमर कुमार ने 2021 में रेलवे में नौकरी अनुकंपा के आधार पर ज्वाइन की थी, जब उनके पिता का निधन हो गया था। वे अपने परिवार के लिए जीविका का सहारा बने थे, परंतु इस दर्दनाक हादसे ने उनके परिवार को एक बड़ा आघात पहुंचाया है। अमर के निधन के बाद उनके परिवार के साथ-साथ सहकर्मियों में भी शोक का माहौल है।

 

हादसे के बाद उठे सवाल और आवश्यक सुधार

 

इस हादसे के बाद रेलवे प्रशासन में सुधार के मुद्दे पर चर्चा चल रही है। रेलकर्मियों के बीच उचित समन्वय और सुरक्षा उपायों की कमी को देखते हुए रेलवे को इस पर तुरंत ध्यान देने की आवश्यकता है। इस घटना से सबक लेते हुए उम्मीद है कि रेलवे आने वाले समय में कर्मचारियों की सुरक्षा को और पुख्ता करेगा और शंटिंग जैसी प्रक्रियाओं के दौरान समन्वय सुनिश्चित करने के लिए नए कदम उठाएगा।

 

बरौनी जंक्शन पर शंटिंगमैन अमर कुमार की मौत ने रेलवे की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस घटना की गहन जांच के साथ ही, रेलवे को कर्मचारियों के लिए सुरक्षा व्यवस्था और उचित समन्वय में सुधार करने की आवश्यकता है, ताकि भविष्य में ऐसे दुखद हादसों को रोका जा सके।

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