रामलला की मूर्ति से लेकर डिजाइन, स्तंभ तक… यहाँ जानिए राम मंदिर से जुड़ी 10 खास बातें
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Sachin Meena
अयोध्या में भव्य और दिव्य राम मंदिर अब आकार लेने लगा है। राम मंदिर का इंटीरियर डिजाइन हर किसी को लुभा रहा है। राम मंदिर का ग्राउंड फ्लोर लगभग पूरा हो चुका है। मंदिर तीन मंजिल ऊंचा होगा और बाकी दो मंजिल का निर्माण कार्य अभी बाकी है।
हर फ्लोर की 20-20 फीट की ऊंचाई होगी। कुल 2।7 एकड़ में राम मंदिर बन रहा है। इसकी ऊंचाई तकरीबन 161 फीट की होगी। मंदिर निर्माण और अन्य प्रोजेक्ट में अभी दो वर्ष का समय और लग सकता है। मगर, अयोध्या में अभी से दिव्यता और भव्यता नजर आने लगी है। आने वाले दिनों में यहां भक्त त्रेता युग जैसा अनुभव करेंगे। मंदिर की डिजायन से लेकर नागर शैली तक खास है।
नए मंदिर में रामलला की प्रतिमा का अभिजीत मुहूर्त में प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम है। 22 जनवरी की दोपहर 12:20 बजे प्राण प्रतिष्ठा होगी। राम मंदिर की डिजाइन से लेकर स्ट्रक्चर की हर कोई प्रशंसा कर रहा है। इसकी विशेषता भी जानने के लिए लोग उत्सुक हैं। राम मंदिर की डिजाइन गुजरात के रहने वाले चंद्रकांत सोमपुरा एवं आशीष सोमपुरा ने की है। सोमपुरा परिवार की 15 पीढ़ियां मंदिरों के डिजाइन का काम करती आ रही हैं। लगभग 30 वर्ष पहले चंद्रकांत सोमपुरा ने राम मंदिर आंदोलन के चलते डिजाइन तैयार कर लिया था। हालांकि, बाद में इसमें कुछ परिवर्तन किए गए तथा मंदिर का नया रूप दिया गया है।
राम मंदिर ट्रस्ट के अनुसार, परिसर में प्रभु श्री राम के मंदिर के साथ ही 7 अन्य मंदिर भी बनाए जा रहे हैं। महर्षि वाल्मिकी मंदिर, महर्षि वशिष्ठ मंदिर, महर्षि विश्वामित्र मंदिर, महर्षि अगस्त्य मंदिर, निषाद राज, माता शबरी, देवी अहिल्या मंदिर लोगों को सीधे त्रेतायुग से जुड़ाव महसूस कराएंगे। मंदिर के मुख्य द्वार को सिंह द्वार के नाम से जाना जाएगा। मंदिर का निर्माण पूर्ण रूप से भारतीय परंपरानुसार एवं स्वदेशी तकनीक से किया जा रहा है। पर्यावरण-जल संरक्षण पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। कुल 70 एकड़ क्षेत्र में 70 प्रतिशत क्षेत्र सदा हरित रहेगा।
जानिए राम मंदिर के डिजायन के बारे में 10 खास बातें:-
1। मंदिर में पांच मंडप होंगे। इनमें नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप तथा कीर्तन मंडप नाम रखा गया।
2। ग्राउंड फ्लोर पर गर्भगृह में प्रभु श्री राम विराजेंगे। पहली मंजिल पर भगवान राम का पूरा दरबार सजाया जाएगा। खंभों और दीवारों में देवी-देवता एवं देवांगनाओं की प्रतिमाएं उकेरी जा रही हैं।
3। मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट तथा ऊंचाई 161 फीट रहेगी। मंदिर तीन मंजिला रहेगा। हर मंजिल की ऊंचाई 20 फीट रहेगी। मंदिर में कुल 392 खंभे तथा 44 द्वार होंगे।
4। मंदिर के पास पौराणिक काल का सीताकूप देखने को मिलेगा। परिसर के चारों कोनों पर सूर्य, भगवती, गणेश एवं शिव के मंदिर बनेंगे। उत्तरी और दक्षिणी हिस्से में अन्नपूर्णा और हनुमान जी का मंदिर होगा।
5। महर्षि वाल्मिकी, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, अगस्य, निषाद राज, शबरी के मंदिर प्रस्तावित हैं।
6। मंदिर में लोहे का इस्तेमाल नहीं किया गया। धरती के ऊपर बिलकुल भी कंक्रीट नहीं है। मंदिर के नीचे फाउंडेशन को 14 मीटर मोटी रोलर कॉम्पेक्टेड कंक्रीट (RCC) बिछाई गई है। इसे आर्टफिशियल चट्टान का रूप दिया गया है।
7। मंदिर को धरती की नमी से बचाने के लिए 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है।
8। कुल 70 एकड़ का पूरा परिसर है। 70 प्रतिशत हिस्सा हरा-भरा (हरित) होगा। पर्यावरण और जल संरक्षण पर जोर दिया है।
9। मंदिर परिसर में स्नानागार, शौचालय, वॉश बेसिन, ओपन टैप्स आदि की सुविधा भी रहेगी। दिव्यांगजन एवं बुजुर्गों के लिए मंदिर में रैम्प और लिफ्ट का इंतजाम रहेगा।
10। 25 हजार क्षमता वाले एक दर्शनार्थी सुविधा केंद्र का निर्माण किया जा रहा है। वहां दर्शनार्थियों का सामान रखने के लिए लॉकर तथा चिकित्सा की सुविधा रहेगी।
‘दिसंबर 2024 तक तीनों फ्लोर तैयार हो जाएंगे’
मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने बताया था कि 22 जनवरी को मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के लिए अयोध्या को सजाया जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी इसमें सम्मिलित होंगे। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से कार्यक्रम के लिए 7,000 से अधिक लोगों को न्योता दिया गया है। मिश्रा का कहना था कि अभी ग्राउंड फ्लोर का निर्माण किया गया है। पहली एवं दूसरी मंजिल दिसंबर 2024 तक पूरी हो जाएगी। निर्माण कार्य में चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, प्रतिदिन चुनौतियां आती हैं। मगर, मुझे लगता है कि चुनौतियां अपने आप हल हो गईं। अगली सुबह हम देखते हैं कि समाधान अपने आप सामने आ रहे हैं।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने साफ़ निर्देश दिए हैं कि कोई भी ऐसा कार्य नहीं किया जाना चाहिए जो नियमों, सिद्धांतों, मर्यादा पुरूषोत्तम राम के जीवन के विपरीत हो। मिश्रा ने कहा, वो बहुत स्पष्ट हैं। जो भी टैक्स सरकार को जमा करना है, करना होगा। इसलिए हम सभी उस ‘मर्यादा’ का पालन कर रहे हैं। मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष ने कहा, मुझे उम्मीद है कि यहां आने वाले श्रद्धालु निर्माण की गुणवत्ता एवं इसके लंबे वक़्त तक चलने से संतुष्ट होंगे। यह कम से कम 1,000 वर्षों तक चलेगा, इसलिए हमारी जिम्मेदारियां भी बढ़ गई हैं। मूर्ति के चयन पर उन्होंने कहा, यह फैसला राय की ओर से साझा किया जाएगा। तीन मूर्तिकार ने तीन प्रतिमाएं तराशी हैं। उनमें से एक को मंदिर में स्थापित किया जाएगा।