सदन की बैठक में अनुसूचित जाति मेयर के चुनाव की मांग को लेकर हंगामा
न्यूज ऑनलाइन एसएम
सचिन मीणा
नई दिल्ली। शनिवार को आयोजित दिल्ली नगर निगम की बैठक एक बार फिर हंगामे की भेंट चढ़ गई। बैठक में शोक प्रस्ताव और दो मिनट के मौन रखा गया ।
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बाद में मेयर ने सदन से स्थायी समिति के छठे सदस्य के चुनाव को गैरकानूनी और असंवैधानिक करार दिया।
मेयर के इतना कहते ही भाजपा पार्षद पोस्टर और पम्पलेट लेकर अनुसूचित जाति के मेयर के चुनाव की मांग करने लगे। भाजपा पार्षद वैल में एकत्रित हुए और मेयर के आसन के समीप आकर जोर जोर से हंगामा करने लगे।
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वहीं हंगामे के दौरान नेता सदन मुकेश गोयल ने एजेंडें में शामिल 22 प्रस्तावों को पढ़ा, जिसमें से मेयर ने 10 को पास कर दिया।
नेता सदन से जब हंगामे की वजह जाननी चाहि तो उन्होंने कहा कि जब सदन में प्रस्ताव जो सीधे जनता के हितों से जुड़े थे उस बीच भाजपा के शिष्टाचार और आचरणहीन पार्षद बैल में आकर हंगामा करने लगे।
वहीं इस मामले पर नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह, उपनेता विपक्ष जय भगवान यादव के साथ साथ केशवपुरम जोन के चेयरमैन योगेश वर्मा और शाहदरा नॉर्थ जोन के चेयरमैन प्रमोद गुप्ता ने संयुक्त रूप से निगमायुक्त को पत्र लिख सदन में पास किए गए प्रस्तावों को असंवैधानिक करार दिया है। विपक्ष के नेताओं ने अपने पत्र में कहा है कि महापौर ने कोई भी चर्चा किए बिना नेता सदन से एजेंडा लेने के लिए कह दिया तथा नेता सदन ने भी एजेंडे की मद संख्याओं को पढ़ना शुरू कर दिया और दोनों स्वयं ही अपने मनचाहे मद पास करते रहे जबकि भारतीय जनता पार्टी के सदस्य एजेंडे पर लगातार वोटिंग की बात कर रहे थे। इसके बावजूद आप एजेंडा पास करती रहीं जबकि आज के सदन में आम आदमी पार्टी के सदस्यों की संख्या लगभग 81 और भाजपा सदस्यों की संख्या 93-94 थी। इसके अतिरिक्त कांग्रेस के भी 6 सदस्य भी सदन में एजेंडे पर वोटिंग की मांग कर रहे थे।
सदन में पास किए गए प्रस्तावों को एमसीडी में काबिज नेता विपक्ष राजा इकबाल सिंह ने अवैध करार दिया है। उन्होंने कहा कि निगम की प्रक्रिया एवं संचालन के अनुच्छेद 44 (1) के तहत नियम है कि चार या उससे अधिक सदस्य किसी भी प्रस्ताव पर मेयर से वोटिंग की मांग करते हैं तो वोटिंग करानी होती है। मेयर ने वोटिंग न कराकर एमसीडी एक्ट का उल्लंघन किया है।