नपुंसक है संजय रॉय…? RG कर रेप-मर्डर केस में अब तक का सबसे बड़ा खुलासा, जानें CBI की चार्जशीट में क्या?
News online SM
Sachin Meena
पश्चिम बंगाल के कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर के रेप और मर्डर केस में सीबीआई ने चार्जशीट फाइल कर दी है. अब चार्जशीट में रोजाना नए-नए खुलासे हो रहे हैं.
संजय रॉय के खिलाफ वो कौन से 11 सबूत हैं जो कोर्ट में सीबीआई ने पेश किए हैं. न्यूज 18 इंडिया के पास सीबीआई की पूरी चार्जशीट मौजूद है. सीबीआई की चार्जशीट के मुताबिक, पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया है कि ट्रेनी डॉक्टर की मौत गला दबाने और दम घुटने से मौत हुई है. इस मामले में संजय रॉय के नपुंसक है या नहीं इसको लेकर भी खुलासा किया गय है. सीबीआई की चार्जशीट में क्या है पढ़ें पूरी रिपोर्ट…
सीबीआई चार्जशीट के मुताबिक, पीड़िता के साथ जबरदस्ती की गई और फिर उसका रेप किया गया. सीसीटीवी फुटेज के हिसाब से आरोपी 9 अगस्त की सुबह 4:03 बजे सेमिनार हाल में घुसा और 4:32 बजे बाहर निकला था. केवल 29 मिनट में आरोपी ने वारदात को अंजाम दिया. आरोपी जब सेमिनार हॉल में जा रहा है तब उसने अपना ब्लूटूथ पहना हुआ है लेकिन बाहर निकलते वक्त ब्लूटूथ नहीं पहना था. वारदात स्थल पर पुलिस को उसका ब्लूटूथ मिला जो उसके पकड़े जाने के बाद उसके मोबाइल के साथ सिंक हो गया था. चार्जशीट में संजय रॉय के खिलाफ एक बड़ा सबूत है. इतना ही नहीं वारदात के समय आरोपी संजय रॉय की मोबाइल की लोकेशन भी अस्पताल की ही है.
पीड़िता को इतना घसीटा कि अंडरगारमेंट तक फट गए
सीबीआई चार्जशीट के मुताबिक, घटनास्थल पर आरोपी संजय के बाल मिले है. पीड़िता के शरीर पर आरोपी के मुंह का सलाइवा पाया गया और पीड़िता के शरीर और कपड़ों में मिला सीमन आरोपी संजय का पाया गया है. पीड़िता के चश्मे को तोड़ा गया और उसे घसीटा गया, जिससे उसके अंडरगारमेंट फट गए. पीड़ित की कुर्ती खींचतान के दौरान फट गई थी. सीबीआई ने इस मामले में दिल्ली के आरएमएल, एम्स, मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज, लेडी हार्डिंग, सफदरजंग और वीएमएमसी के डॉक्टरों के एक पैनल से लीगल ओपिनियन ली गई है.
रॉय के कपड़ों पर भी मिले सबूत
संजय रॉय की जींस और जूतों पर पीड़िता का खून पाया गया है. लार/वीर्य/छोटे बाल/डीएनए विश्लेषण से पता चला कि संजय रॉय आरोपी है. इस बोर्ड के मुताबिक, पीड़िता की मौत के 12 से 18 घंटे बाद उसका पोस्टमार्टम हुआ. आरोपी के शरीर पर जो चोट के 5 निशान मिले हैं वो 24 से 48 घंटे के पहले के हैं और ये ब्लंट फोर्स इंजरी थी, जो बचाव की कोशिश के दौरान की गई थीं.
आरोपी के नपुंसक होने के दावे पर क्या है सीबीआई का कहना
कई जगहों पर यह दावा किया गया था कि संजय रॉय नपुंसक है. इस पर सीबीआई ने चार्जशीट पर चिकित्सीय जांच में यह भी खारिज कर दिया गया कि वह यौन रूप से नपुंसक नहीं है. सबूतों से हो साफ है कि आरोपी संजय ने ही पीड़िता के साथ रेप और उसकी हत्या की है. टाला पुलिस थाने के एसएचओ अभिजीत मंडल और आरजी कर कॉलेज के पूर्व प्रिंसिपल को मामला दबाने और सबूत मिटाने की कोशिश की. उन्हें गिरफ्तार किया गया है और इस मामले की जांच जारी है और आगे की साज़िश का पता लगाने के लिए कार्रवाई चल रही है.
इस केस में और जरूरी जानकारी
इस मामले में पीड़िता के पिता की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई थी. 8 अगस्त को वह 24 घंटे की नाइट शिफ्ट में थी. रात 11:15 बजे उनकी मां से आखिरी बार फोन पर बातचीत हुई थी. लगभग 10:15 बजे पीड़ित ने पांच लोगों के लिए रात के खाने का ऑर्डर दिया था. ओलंपिक में भाला फेंक का फाइनल मोबाइल पर देखने के दौरान उन्होंने आधी रात से 1 बजे तक सेमिनार हॉल के डायस पर डिनर किया. इसके बाद सभी लोग अपने सरकारी कामकाज में शामिल होने चले गए. अगले दिन लगभग 9:35 बजे एक डॉक्टर ने जूनियर डॉक्टर की तलाश शुरू की. उसने उसे अजीब स्थिति में पड़ा हुआ पाया. पीड़िता के पिता के पास एक फोन आया. जब वह 3 नंबर सेमिनार हॉल में पहुंचे, तो वहां कई पुलिस अधिकारी डॉक्टर मौजूद थे. पीड़िता खून से लथपथ पड़ी हुई थी और उसके निचले कपड़े उसके बगल में पड़े हुए थे.
पीड़िता के मुंह से खून बहकर गले तक पहुंचा
पीड़िता के मुंह से खून बहकर उसके गाल तक पहुंच गया था. गर्दन और गाल पर चोट और आंख में चोट के निशान थे. उसके निचले अंग पर खून देखा जा सकता था. सीबीआई ने चार्जशीट में बताया था कि डेथ सर्टिफिकेट 9 अगस्त की दोपहर 12 बजकर 44 मिनट पर तैयार किया गया था और इंजरी सर्टिफिकेट 9 अगस्त को 1 बजकर 47 मिनट पर तैयार किया गया था. वहीं 1बजकर 50 मिनट पर पुलिस को सौंप दिया गया था. 9 अगस्त को रात 23 बजकर 45 मिनट पर एफआईआर दर्ज की गई. पीड़िता मध्यम वर्ग से थी और उसने पीजी पाठ्यक्रम 2022-25 के लिए सामान्य वर्ग में प्रवेश लिया था.
कौन है संजय रॉय
आरोपी संजय रॉय की चार बहनें हैं. उसने पहली शादी 2014 में की थी. उनकी पहली पत्नी दो महीने के भीतर ही चली गईं. फिर 2016-17 में दोबारा शादी की लेकिन जल्द ही उन्होंने भी उन्हें छोड़ दिया. उनकी तीसरी पत्नी की कैंसर से लड़ते हुए मौत हो गई. संजय को 2018 में एक सिविल वॉलेंटियर के रूप में कोलकाता पुलिस के डिजास्टर मैनेजमेंट यूनिट में तैनात किया गया. 2021 में एक अन्य आदेश के तहत उसे केंद्रीय कल्याण बोर्ड कोलकाता पुलिस में ट्रांसफर कर दिया गया. उसके दस्तावेज़ में 2 बॉक्सिंग प्रमाणपत्र भी मिले हैं. वो एक पुलिस बैरक में रह रहा था और आरजी कर मेडिकल कॉलेज में पुलिस कर्मियों और उनके परिवार के सदस्यों के लिए इलाज में मदद करता था. उसे एक एक मोटरसाइकिल भी दी गई थी. मोटरसाइकिल कल्याण प्रकोष्ठ को जारी की गई थी
वह एएसआई अनुप दत्ता को रिपोर्ट कर रहा था. मोटरसाइकिल जब्त कर ली गयी है. मोटर साइकिल कोलकाता पुलिस कमिश्नर के नाम थी. वह 8 अगस्त को संजय रॉय एक एक दूसरे सिविल वॉलेंटियर सौरभ के चचेरे भाई के इलाज के लिए उसके साथ बाइक आरजी कर मेडिकल कॉलेज के लिए अपनी बैरक से निकले थे. सीबीआई ने अपनी चार्जशीट में में संजय रॉय के बार-बार शराब पीने का जिक्र किया है