फिर नाले की सफाई के दावे फेल, जलभराव से राजधानी हुई जलमग्न
न्यूज़ ऑनलाइन एसएम. सचिन मीणा. नई दिल्ली
राजधानी में इस साल झमाझम बारिश ने दिल्ली को पानी-पानी कर दिया। शनिवार व रविवार की रिकार्डतोड़ बारिश ने पूरी दिल्ली को जलमग्न कर दिया। भारी बारिश के बाद हुए जलभराव ने राजधानी के ड्रेनेज सिस्टम पर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है तथा नालों की सफाई करने वाली दिल्ली नगर निगम व पीडब्ल्यूडी के कार्य पर अंगुली उठने लगी है।प्रत्येक वर्ष मानसून से पहले नालों की सफाई का काम पूरा कर लेने का दावा सभी एजेंसियां करती हैं, लेकिन बरसात इन दावों की पोल खोल कर रख देता है। फिर शुरू होता है, दोषारोपण का खेल। दरअसल, दिल्ली में नाले की सफाई कई एजेंसियां करती हैं, ऐसे में एजेंसियों के बीच तालमेल की कमी नालों की सफाई में बाधा बनती है।
इसी वजह से अक्सर जलभराव होने की सूरत में एजेंसियां एक-दूसरे पर इसका ठीकरा फोड़ती हैं। हालांकि इस बार स्थिति अलग है। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) व पीडब्ल्यूडी इस बार ए दूसरे पर दोषारोपण तो नहीं कर रही है, लेकिन जलभराव के लिए रिकार्ड स्तर पर बारिश होना बताया जा रहा है।
इसके अलावा एमसीडी के अनुसार नालों की सफाई में सबसे बड़ी दिक्कत अतिक्त्रमण की भी समस्या है। कॉलोनियों में लोगों ने नालों को मनमाने तरीके से ढक दिया है। नालों में पॉलीथिन अटक जाने से नालियां जाम हो जाती हैं। इस वर्ष नगर निगमों द्वारा प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक निगम के लगभग 100 प्रतिशत नालों की सफाई हो चुकी है, और इनमें से निकलने वाली कई मीट्रिक टन गाद भी फेंकी जा चुकी है।
इसके बाद भी सैकड़ों जगह जलभराव हो रहे हैं। सबसे ज्यादा खराब स्थिति अनधिकृत कॉलोनियों के नाले व नालियां हैं, जो हर वक्त जाम रहती हैं। निगमों के मुताबिक नालियों की सफाई का काम पूरे वर्ष चलता है, लेकिन बरसात से पहले इसके लिए विशेष अभियान भी चलाता है।
गौरतलब है कि नालों की सफाई पर प्रत्येक वर्ष करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं, फिर भी बरसात में नाले जाम हो जाते हैं। और जलभराव की वजह से लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। साठ फुट की सड़कों के नाले पीडब्ल्यूडी के पास हैं। इनकी सफाई का जिम्मा भी उन्हीं का है।
दिल्ली नगर निगम के अनुसार पहले सभी नाले, सीवरेज निगम के अधीन हुआ करते थे, लेकिन अब नालों की विभाजन हो चुका है। बड़े नाले पीडब्ल्यूडी के पास हैं और साठ फीट से कम चौड़ी वाली सड़क पर बने नाले निगम के पास है। शहर के नाले भारी बारिश को झेल नहीं पाते। इसी वजह से बारिश के पानी को निकलने में लगभग दो घंटे से ज्यादा लग जाता है।
राजधानी में कुख्यात जलभराव वाले स्थल
दूसरी ओर राजधानी में भारी बारिश में तो प्रत्येक वर्ष सभी सड़कें व इलाके जलमगन हो जाती है, लेकिन कुछ ऐसी चिनिळत है जहां एक बार तेजबारिश होने पर ही जलभराव हो जाता है। जलभराव के लिए कुख्यात स्थलों में जखीरा अंडरपास, मिंटो ब्रिज, पुल प्रहलादपुर, किशनगंज अंडरपास, आनंद पर्वत, रिंग रोड, आउटर रिंग रोड, भैरों रोड, मथुरा रोड, अरविंदो मार्ग, विकास मार्ग, मंगोलपुरी मार्ग, आईटीओ आदि हैं।
एमसीडी के अधीन नाले
:एमसीडी में 4 फीट से नीचे के नालों की संख्या 20884 है और इन नालों की कुल लंबाई 665 किलोमीटर है।
: एमसीडी के अधिकार क्षेत्र में 700 से अधिक नाले हैं जो 4 फीट और उससे ऊपर हैं। दन नालों की लम्बाई 453.42 किलोमीटर है।
: 4 फीट और उससे ऊपर के नालों से 86027.29 मीट्रिक टन गाद हटाई है।
: विभिन्न स्थानों पर तूफानी पानी को बाहर निकालने के लिए 72 स्थायी पंपिंग स्टेशन हैं।
: संवेदनशील स्थानों पर 480 पोर्टेबल पंप तैनात करके विशेष व्यवस्था की है।
निगम ने जारी किया कंट्रोल रूम का नंबर
निगम नागरिकों की सुविधा के लिए सभी 12 क्षेत्रों के कंट्रोल रूम नंबर जारी किया। इन नंबरों पर लोग जलभराव,पेड़ गिरने,भवन का हिस्सा गिरने एवं किसी भी अन्य आपात स्थिति में अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं लोग अपनी शिकायतें निगम की 311 ऐप पर भी दर्ज करा सकते हैं,ऐप को प्ले स्टोर से नि:शुल्क डाउनलोड किया जा सकता है।
निगम द्वारा जारी नंबर
केंद्रीय कंट्रोल रूम नंबर-155305,
पश्चिमी क्षेत्र-011 25422700,25191014 एवं 25191016
मध्य क्षेत्र-011 29810705 एवं 29812700
दक्षिणी क्षेत्र-011 26522700 एवं 26517191
नजफगढ़ क्षेत्र-011 28013283,28018818 एवं 28011235
सिटी सदर पहाड़गंज क्षेत्र-01123913773 एवं 23913775
सिविल लाइंस क्षेत्र-011 23942700 एवं 23923992
नरेला क्षेत्र- 01127283261,27283783 एवं 27283785
रोहिणी क्षेत्र-011 27042700,27050132 एवं 27050133
करोल बाग-क्षेत्र 011 25812700 एवं 25754341
केशवपुरम क्षेत्र -011 27183146,27183147 एवं 27183148
शाहदरा दक्षिणी क्षेत्र-011 66667391,66667392,66667393 एवं 66667394
शाहदरा उत्तरी क्षेत्र -011 22822700,22831947 एवं 8860550590
क्या कहते हैं अधिकारी
दिल्ली नगर निगम ने अपने अधिकार क्षेत्र में नालों से गाद निकालने का काम पूरा कर लिया है। सभी नालों से 4 फीट और उससे ऊपर के नालों से 86027.29 मीट्रिक टन गाद हटाई गई है। इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर तूफानी पानी को बाहर निकालने के लिए स्थायी पंपिंग स्टेशन हैं। बरसात के मौसम को देखते हुए संवेदनशील स्थानों पर पोर्टेबल पंप तैनात करके विशेष व्यवस्था की है।
सभी जोनल अथॉरिटीज को निर्देश दिया है कि वे जलभराव और पेड़ गिरने की शिकायतों के प्रति सतर्क रहें और शिकायतों का जल्द से जल्द समाधान करें। निगम ने 6 जुलाई, 2023 को भवन सर्वेक्षण पूरा कर लिया है। दिल्ली में अभूतपूर्व वर्षा को देखते हुए, सभी इंजीनियरिंग कर्मचारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में इमारतों/संरचनाओं के संबंध में निगरानी रखने के लिए कहा गया है।
अमित कुमार, निदेशक (निदेशक प्रेस सूचना विभाग)
विपक्ष का आरोप
निगम में नेता विपक्ष व पूर्व महापौर राजा इकबाल सिंह ने कहा कि दिल्ली में सुबह से हो रही तेज बारिश के कारण जगह-जगह जलभराव की स्थिति देखने को मिल रही है जिसकी वजह से दिल्ली के नागरिकों को भारी समस्या का सामना करना पड़ रहा है। भारी बारिश आम आदमी पार्टी शासित निगम प्रशासन और दिल्ली सरकार के सारे दावों की पोल खोलकर रख दी है।
उन्होंने कहा है कि दिल्ली में आम आदमी पार्टी (आप)की 10 साल से सरकार है फि भी लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के नालों की सद्बक्ताई कभी नहीं होती है अब यही हाल निगम का भी कर दिया है। जलभराव के कारण होने वाली परेशानियों के लिए आप जिम्मेदार है।
नेता विपक्ष ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने चुनाव के दौरान नागरिकों से वादा किया था कि वो दिल्ली को सिंगापुर और लंदन जैसा शहर बना देंगे, मगर निगम और दिल्ली सरकार में सत्ता होने के बावजूद आप से नालों से गाद बाहर निकालने का कार्य भी समय से पूरा नहीं हो पा रहा है, जिसके कारण आज पूरी दिल्ली जलमग्न हो गई है।
MCD ने अपनी तैयारी पूरी की: मेयर
मेयर डॉ शैली ओबरॉय न कहा है कि निगम की जलभराव से निपटने की तैयारियां पूरी हैं। दिल्ली में रिकॉर्ड बारिश होने के कारण दिक्कत आई है। एमसीडी के सभी 12 जोन में कंट्रोल रूम बनाए गए, जो कि 24 घंटे काम कर रहे हैं। जलभराव की शिकायत मिलने पर तत्काल अस्थाई पंप लगाए जा रहे हैं। दिल्ली में जलभराव की समस्या आज की नहीं है। यह पिछले 20 सालों से बरकरार है। मेयर ने कहा कि दिल्ली में दिल्ली में भारी एमएम बारिश हुई है, जिसने पिछले 20 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा है। मौसम विभाग ने भी बताया है कि इतनी बारिश 20 साल पहले 2003 में हुई थी। उन्होंने कहा कि दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम लोगों की समस्या का समाधान निकाल रही है। सभी अधिकारी और कर्मचारी काम कर रहे हैं।
रहे हैं। उन्होंने कहा कि जलभराव की समस्या को दूर करने के लिए मिलकर काम किया जा रहा है। दिल्ली की जनता को जल्द जलभराव की समस्या से राहत मिलेगी। दिल्ली सरकार और दिल्ली नगर निगम इस समस्या को दूर करने के लिए कदम से कदम मिलाकर चल रही है। दिल्ली को जलभराव से मुक्त करने के लिए हर कदम उठाया जाएगा।