“आप” पार्षदों और नए सहायक स्वच्छता निरीक्षकों के बीच चल रहे गोरख-धंधे को लेकर भाजपा प्रवक्ता ने लिखा पत्र


न्यूज ऑनलाइन एसएम
सचिन मीणा
नई दिल्ली :

दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा है कि एमसीडी में सत्ता में आने के बाद से आम आदमी पार्टी के पार्षद हर दिन पैसा कमाने का नया तरीका ढूंढ रहे हैं और अपनी पैसा कमाने की कहानी के एक हिस्से के रूप में वे अब अपने पसंदीदा सहायक स्वच्छता निरीक्षकों को उनके वार्डों में नियुक्त करवा रहे हैं।
दिल्ली भाजपा प्रवक्ता ने मंगलवार को महापौर डॉ. शैली ओबेरॉय और आयुक्त ज्ञानेश भारती को लिखे एक पत्र में उनका ध्यान एमसीडी के दक्षिणी क्षेत्र के विशिष्ट मामले की ओर आकर्षित किया है, जहां 10 आप पार्षदों और एक आप विधायक ने वार्डों में अपने पसंदीदा नव पदोन्नत सहायक स्वच्छता निरीक्षक लगवाये हैं। वार्ड, 150, 152, 155, 158, 161, 162, 165, 166, 167, 171 और 172 के अनुभवी स्वच्छता निरीक्षकों और सहायक स्वच्छता निरीक्षकों को हटा कर उनके स्थान पर नव पदोन्नत सहायक सफाई निरिक्षक पार्षदों के दबाव में नियुक्त किये गये हैं। पत्र में कहा गया है कि पार्षदों और उनके पसंदीदा सहायक स्वच्छता निरीक्षकों के बीच एक सांठगांठ विकसित हो गई है, जिसके तहत उन्होंने अस्थायी और अनुबंधित सफाई कर्मचारियों को काम पर आने से रोक कर उन्हें निजी काम करने की अनुमति दे दी है। इन कांट्रैक्ट सफाई कर्मचारियों को ए.एस.आई. को अपना आधा वेतन किक बैक के रूप मे देने के लिए मजबूर किया जा रहा है।
यह उन सफाई कर्मियों के लिए भी जीत की स्थिति है जो अंततः निजी काम करके अपने वेतन से कहीं अधिक कमा रहे हैं, जबकि पार्षदों और ए.एस.आई. का गठजोड़ किक बैक वेतन के माध्यम से हर महीने लाखों कमाता है। कर्मचारियों के गायब रहने से इन वार्डों में सफाई की स्थिति पूरी तरह से खराब हो गई है। पत्र में बताया गया है कि ये ए.एस.आई. अपने पार्षदों के आदेश पर नाई, हलवाई, मांस विक्रेताओं, रेस्तरां मालिकों, यहां तक कि नर्सिंग होम, बिल्डरों को स्वच्छता चालान के साथ धमकी देते हैं और उनसे मासिक भुगतान करने के लिए कहते हैं जो अंततः आम आदमी पार्टी पार्षदों और ए.एस.आई. के बीच साझा किया जाता है।
भाजपा प्रवक्ता ने महापौर और निगमायुक्त से आग्रह किया है कि वे साउथ जोन के उपायुक्त से रिपोर्ट मांगें और इन पार्षदों के पसंदीदा ए.एस.आई. के तत्काल स्थानांतरण का आदेश दें।
और इसके साथ ही ये भी जांच की जाये कि क्या अन्य जोन में भी इसी तरह का घोटाला तो नही पनप रहा है ।

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