वैष्णो देवी के दर्शन के लिए भी सरकार ने रखी शर्तें, लोगों को सख्ती से मानना होगा नियम
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Sachin Meena
जगन्नाथ पुरी के बाद मां वैष्णो देवी के दर्शन करने के लिए भी सरकार ने शर्तें रख दी है। आदेशों के अनुसार, लोगों को सख्ती से नियमों का पालन करना होगा।
15 अक्टूबर से शुरू हो रहे शारदीय नवरात्रि से वैष्णो माता के दर्शन और आरती करते समय शालीन वस्त्र पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। आदेशानुसार, अब छोटे कपड़े, निक्कर, कैप्री और टी-शर्ट आदि पहन कर दर्शन करने पर पूरी तरह से प्रतिबंध रहेगा।
जगह-जगह लगवाए गए सूचनात्मक बोर्ड
इस संबंध में श्राइन बोर्ड प्रशासन ने सख्त निर्देश जारी किए हैं। श्रद्धालुओं के पहनावे पर श्राइन बोर्ड प्रशासन की कड़ी नजर रहेगी। जागरुकता के लिए जगह-जगह बोर्ड भी लगाए गए हैं। सब डिविजनल मजिस्ट्रेट भवन की ओर से जगह-जगह पर यह ऑर्डर लगवा दिए गए हैं। वहीं श्रद्धालुओं ने कहना है कि हम प्रशासन के इस फैसले का स्वागत करते हैं। हमें शालीन कपड़े पहन कर ही मां वैष्णो देवी के दर्शन करने आना चाहिए और आरती में बैठना चाहिए।
जगन्नाथ मंंदिर में ड्रेस कोड पर रहेगी पहरेदारों की नजर
भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने के लिए महिलाओं को ड्रेस कोड को फॉलो करना होगा। एक जनवरी 2024 से ड्रेस कोड लागू हो जाएगा, लेकिन इसके बारे में लोगों को अभी से बताया जा रहा है। अभी से जागरूक किया जा रहा है। वहीं मंदिर में ड्रेस कोड लागू करने का फैसला मंदिर की नीति सब-कमेटी की मीटिंग में लिया गया। जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन के चीफ ने बताया कि जगन्नाथ मंदिर में लोग अब हाफ पैंट, फटी जीन्स, स्कर्ट और स्लीवलेस कपड़े पहनकर नहीं आ सकेंगे।
हालांकि अभी यह तय नहीं हुआ कि कैसे कपड़े पहनने होंगे, लेकिन असभ्य दिखने वाले कपड़े नहीं पहन पाएंगे। मंदिर के पदाधिकारियों का कहना है कि लोग मंदिर में ऐसे आते हैं, जैसे घूमने आ रहे हों। मंदिर की मर्यादा और पवित्रता का ध्यान रखना हमारी जिम्मेदारी है। मंदिर के सिंह द्वार पर तैनात सुरक्षाबल और सेवक ड्रेस कोड की निगरानी करेंगे।
महाकाल मंदिर में भी ड्रेस कोड लागू है
मध्य प्रदेश के उज्जैन में महाकाल मंदिर के गर्भगृह में भी एंट्री करने पर ड्रेस कोड लागू है। पुरुषों के लिए धोती-सोला पहनना अनिवार्य किया गया है। महिलाओं को साड़ी पहननी होगी। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की बैठक में यह फैसला लियागया था। उज्जैनवासियों को सप्ताह में एक दिन मंगलवार को भस्म आरती करने के लिए फ्री एंट्री दी जाएगी। इसके लिए भी एक संख्या तय की जाएगी, क्योंकि 2 से ढाई लाख श्रद्धालु हर रोज महाकाल के दर्शन करने आते, लेकिन सभी को गर्भगृह में एंट्री नहीं दे सकते।
द्वारकाधीश मंदिर में ड्रेस कोड अनिवार्य
गुजरात के द्वारकाधीश मंदिर में भी ड्रेस कोड लागू है। मंदिर में कोई श्रद्धालु छोटे कपड़े पहनकर नहीं आएगा। छोटे कपड़े, हाफ पैंट, बरमूडा, मिनी टॉप, मिनी स्कर्ट, नाइट सूट, फ्रॉक और रिप्ड जींस पहनने पर प्रतिबंध रहेगा। मंदिर की मर्यादा बनाए रखने के लिए इंडियन कल्चर के कपड़े पहनने होंगे। ड्रेस कोड को लेकर गुजराती-हिंदी-अंग्रेजी भाषा में साइन बोर्ड लगाए गए हैं, जिन पर लिखा है कि मंदिर में सादे कपड़े पहनकर ही आएं। मथुरा के राधा रानी मंदिर में भी ड्रेस कोड लागू किया गया है।