लवली के इस्तीफे से दिल्ली कांग्रेस में दंगल, कार्यकर्ताओं ने कन्हैया और उदित राज के खिलाफ खोला मोर्चा
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Sachin Meena
अरविंदर सिंह लवली के दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफे के बाद कन्हैया कुमार की उम्मीदवारी के खिलाफ कांग्रेस की अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है। अरविंदर सिंह लवली ने कन्हैया कुमार का नाम लिए बिना बाहरी को दिल्ली से टिकट जाने का विरोध किया है।
अरविंदर सिंह लवली ने अपने इस्तीफे में भी कहा है कि लगभग आठ महीने पहले जब उनको अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी दी गई थी, पार्टी बहुत संकट से गुजर रही थी। पार्टी का कोई बड़ा कार्यक्रम तक नहीं हो रहा था, कार्यकर्ता बिखरे हुए थे। लेकिन पार्टी की जिम्मेदारी संभालते ही उन्होंने सब को एक साथ जोड़ने की कोशिश की। लेकिन पार्टी के महासचिव और दिल्ली प्रभारी उनके काम में लगातार टांग अड़ाते रहे। अभी तक डेढ़ सौ से ज्यादा ब्लॉक स्तर पर कार्यकर्ताओं को उनके पदों पर नियुक्त नहीं किया जा सका है।
लवली के पत्र के बाद अब कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी कन्हैया कुमार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
जानकारी के मुताबिक कांग्रेस की तरफ से उम्मीदवार घोषित किए जाने के बाद आज कन्हैया कुमार का पहला चुनावी कार्यक्रम होना है। इस कार्यक्रम के तहत बाबरपुर इलाके में चुानावी कार्यालय के उद्घाटन के साथ कार्यकर्ताओं से संवाद भी होना है। इस कार्यक्रम में कांग्रेस के साथ-साथ आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता भी जुटे हैं। हालांकि इससे पहले ही कांग्रेस कार्यकर्ता कन्हैया कुमार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते नजर आए। उन्होंने कन्हैया की जगह स्थानीय उम्मीदरवार को टिकट देने की मांग की है।
उदित राज की उम्मीदवारी का कार्यकार्ता कर रहे विरोध
हाल ही में कांग्रेस के चुनावी कार्यालय के उद्घाटन का पोस्टर सामने आया था। इस पोस्टर में राहुल गांधी और अरविंद केजरीवाल के साख कन्हैया कुमार की तस्वीर लगी हुई। इसके अलावा अन्य किसी नेता की तस्वीर इस पर नहीं दिखी। दावा किया जा रहा है कि इस बात को लेकर पार्टी में घमासान मचा हुआ है। इससे पहले कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने बीजेपी से पाला बदलकर आए उदित राज की उम्मीदवारी का विरोध भी किया था।
उदित राज के खिलाफ लगे नारे
प्रदर्शनकारी दीन दयाल उपाध्याय मार्ग पर पार्टी कार्यालय के बाहर एकत्र हुए और मौजूदा लोकसभा चुनावों में कांग्रेस द्वारा मैदान में उतारे गए उदित राज के खिलाफ नारे लगाए। उदित राज ने 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार के रूप में उत्तर पश्चिम दिल्ली सीट जीती थी। वर्ष 2019 के चुनावों में भाजपा द्वारा उन्हें टिकट नहीं दिया गया, जिसके बाद वे कांग्रेस में शामिल हो गए।
केजरीवाल से समझौते का विरोध
अरविंदर सिंह लवली शुरुआत से ही आम आदमी पार्टी के साथ कांग्रेस से समझौते के सख्त खिलाफ थे। उनका कहना था कि जिस केजरीवाल ने तमाम झूठे आरोप लगाकर कांग्रेस को बदनाम करने का काम किया और उसे सत्ता से बाहर करने में अपनी बड़ी भूमिका निभाई, आज उसी केजरीवाल के साथ में समझौता करना पार्टी के लिए किसी भी तरह से ठीक नहीं है। उच्च स्तर पर बैठे नेताओं ने भी इस निर्णय के खिलाफ आवाज उठाई थी। निचले स्तर के कार्यकर्ता भी इस निर्णय से खुश नहीं थे।