इच्छा मृत्यु के लिए बनाई गई मशीन
News online SM
Sachin Meena
हमें जो ये जिंदगी मिली है, ये दुनिया का सबसे बड़ा तोहफा है. इस दुनिया में जीवित रहकर हम अपने लिए, आसपास के लोगों के लिए और प्रकृति के लिए इतना कुछ कर सकते हैं, कि उससे हम इस दुनिया को बेहतर जगह बना सकते हैं.
मगर कुछ लोग जिंदगी की मुश्किलों से इतनी जल्दी हार मान लेते हैं कि उसे खत्म करने जैसा कायराना कदम उठा लेते हैं. सुसाइड (Suicide pod Switzerland) समस्याओं का हल नहीं है. इसी सुसाइड को बेहतर बनाने के लिए स्विट्जरलैंड में एक विवादित मशीन का इस्तेमाल किया जाना है, जिसमें लेटते ही इंसान की 10 मिनट में मौत हो जाएगी और उसे तकलीफ भी नहीं होगी. पर अब इस मशीन पर बैन लगाने की मांग हो रही है.
न्यूयॉर्क पोस्ट वेबसाइट के अनुसार स्विट्जरलैंड में एक सुसाइड पॉड का इस्तेमाल किए जाने की बात चल रही है, जिसका नाम है सार्को है, पर उसे “Tesla of euthanasia” बोला जा रहा है. ये उन लोगों के लिए मशीन है, जिन्हें किसी लाइलाज बीमारी के लिए इच्छामृत्यु की चाहत है. 2019 में वेनिस डिजाइन फेस्टिवल में सबसे पहले इस मशीन पर से पर्दा उठा था. ये एक किस्म का 3डी प्रिंटेड कैप्सूल है
.10 मिनट में दुनिया छोड़ देगा इंसान
इस मशीन में एक बटन दबाते ही अंदर का नाइट्रोजन स्तर बेहद तेजी से बढ़ता है और महज 5 सेकंड के अंदर ऑक्सीजन की कमी से इंसान बेहोश हो जाता है और 10 मिनट के अंदर उसे बेहद आसान और बिना दर्द की मौत मिल जाती है. स्विट्जरलैंड की ‘द लास्ट रिजॉर्ट’ संस्था इच्छामृत्यु के पक्ष में आवाज उठाती रही है. इस संस्था का मानना है कि इस पॉड से कोई नुकसान नहीं है, और इसे आसानी से इस्तेमाल किया जा सकता है. स्विट्जरलैंड में इच्छामृत्यु वहां पर कानूनी है, पर स्विस क्रिमिनल कोड के आर्टिकल 115 में कहा गया है कि असिस्टेड सुसाइड ऐसा जुर्म है जो सेल्फिश कारणों से किया जाता है.
बेहद सस्ती है मौत
- सिर्फ 20 डॉलर, यानी करीब 1600 रुपये में लोगों को ये सेवा दी जाएगी और इसकी मिनिम एज 50 साल होगी हालांकि, अगर कोई 18 साल या उससे ज्यादा है और गंभीर रूप से बीमार है, वो भी इस सेवा का इस्तेमाल कर सकता है. लास्ट रिजॉर्ट के चीफ एग्जिक्यूटिव का कहना है कि कई लोगों ने इस मशीन के लिए पूछा है, तो शायद जल्द ही इसका प्रयोग किया जाएगा. एनडीटीवी के अनुसार लास्ट रिजॉर्ट के एडवाइजरी बोर्ड में वकील फिओना स्टीवर्ट का कहना है कि फिलहाल ये तो नहीं तय किया गया है कि पहला यूजर कौन होगा और मौत की लोकेशन क्या होगी, क्योंकि फिर मीडिया वहां पहुंच जाएगा और किसी की शांति से मरने की इच्छा को भी वो लोग खत्म कर देंगे. किसी प्राइवेट प्रॉपर्टी पर, और अकेली-खूबसूरत जगह पर ही इसका इस्तेमाल होगा. एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार इसका पहला यूजर इसी साल हो सकता है. कई लोग इसे बैन करने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि उनके अनुसार नैतिक रूप से ये मशीन ठीक नहीं है. इस मशीन के इस्तेमाल के दौरान डॉक्टर की भी जरूरत नहीं होती. ऐसे में लोग ये भी सवाल खड़े कर रहे हैं कि कोई जानबूझकर इससे किसी की जान ले सकता है.