आइए जानते हैं सावन में रुद्राभिषेक करने का धार्मिक लाभ, विधि.
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Sachin Meena
देवाधिदव महादेव का प्रिय महीना 22 जुलाई से शुरू हो है जो 19 अगस्त 2024 तक रहेगा. इस साल शिव भक्तों को भोलेनाथ (Shiv ji) की आराधना करने के लिए 29 दिन का समय मिलेगा. सावन में रुद्राभिषेक (Sawan Rudrabhishek) का विशेष महत्व बताया गया है.
आइए जानते हैं सावन में रुद्राभिषेक करने का धार्मिक लाभ, विधि.
सावन में रुद्राभिषेक का महत्व (Sawan Rudrabhishek Significance)
शिवपुराण (Shiv Puran) के अनुसार शिव के रूद्र अवतार का विधि पूर्वक रुद्राभिषेक करने से मनुष्यों को जीवन के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है. धन में बढ़ोत्तरी के लिए सावन सोमवार के दिन रुद्राभिषेक करना शुभ होता है.
सावन में रुद्राभिषेक करना कालसर्प दोष (Kaal sarp dosh) दूर करने के लिए सबसे उत्तम माना गया है. राहु (Rahu) और केतु के अशुभ प्रभाव कम होते हैं
पति-पत्नी यदि साथ में घर में भगवान शिव का रुद्राभिषेक करें तो उनके दांपत्य जीवन में मधुरता बढ़ती है.
सावन पर रुद्राभिषेक करने से ग्रहों के अशुभ प्रभाव को भी कम किया जा सकता है. शनि की महादशा (Shani dosh) से पीड़ित लोगों को सावन में रुद्राभिषेक जरुर करना चाहिए.
मां पार्वती ने किया शिव को प्रसन्न
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार माता पार्वती ने भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए सावन के महीने कठोर तपस्या की थी, अन्न-जल का त्याग कर भोलेनाथ का ध्यान, रुद्राभिषेक किया था. इसके परिणाम स्वरूप देवी पार्वती को शिव जी पति रूप में मिले.
घर में कैसे करें रुद्राभिषेक (Rudrabhishek Vidhi)
सावन सोमवार पर आप मंदिर या घर पर भी शिवलिंग का रुद्राभिषेक कर सकते हैं.
रुद्राभिषेक से पूर्व भगवान गणेश, माता पार्वती, ब्रह्मदेव, मां लक्ष्मी, नवग्रह, पृथ्वी माता, अग्नि देव, सूर्य देव और मां गंगा का ध्यान कर उनकी पूजा करें.
जो लोग रुद्राभिषेक कर रहे हैं उनका मुंह पूर्व दिशा की तरफ होना चाहिए.
श्रृंगी (अभिषेक करने का यंत्र) में गंगाजल डालकर शिवलिंग पर अर्पित करें. इस दौरान ऊं नम: शिवाय मंत्र, महामृत्युंजय मंत्र का जाप करें.
अब दूध, दही, घी, शहद, गन्ने का रस, इत्र महादेव को चढ़ाएं.
अब सफेद चंदन का लेप बनाकर शिवलिंग का श्रृंगार करें.
शिव को प्रिय वस्तु पान का पत्ता, अक्षत, अबीर, सुपारी, बेलपत्र, रोली, मौली, भांग, जनेऊ, धतूरा, आक के फूल, भस्म, नारियल आदि उन्हें अर्पित करें और भगवान को फल और मिठाई का भोग लगाएं.
अंत में आरती करें और अभिषेक के जल को पूरे घर में छिड़क दें.