कांग्रेस दल के पार्षदों और पूर्व नेता प्रतिपक्ष ने लगाए गंभीर आरोप

न्यूज ऑनलाइन एसएम

सचिन मीणा

नई दिल्ली। दिल्ली शहर में साफ सफाई के नाम पर भ्रष्टाचार का खेल किया जा रहा है। साफ सफाई से लेकर नालों से निकले वाले गाद और सड़कों के किनारे पड़े मलबे के निपटान मेंं घोर लापरवाही बरती गई है, जिसका खामियाजा दिल्लीवासियों को भुगतना पड़ रहा है। नगर निगम में कांग्रेस दल के पार्षदों और पूर्व नेता प्रतिपक्ष फरहाद सूरी ने प्रेस वार्ता कर यह गंभीर आरोप लगाए।

 

सूरी का कहना रहा कि निगम की सत्ता में काबिज आम आदमी पार्टी निगम का मुख्य काम साफ सफाई कराने में भी फेल साबित हुई है। निगम की आप सरकार ने दिल्ली को बदहाल कर दिया है। दिल्ली की साफ सफाई करने का जिम्मा जिनके कंधों पर है उनके मुख्यालय में ही कई टन कूड़ा महीनों से पड़ा हुआ सड रहा है। सूरी ने बताया कि मुख्यालय के ए-ब्लॉक की बेसमेंट की बी2 पार्किंग में कई टन कूड़ा पडा हुआ है। जिसके घर में ही कई टन कूड़ा सड़ रहा हो उनसे दिल्ली की सफाई की उम्मीद आखिर कैसे की जा सकती है।

 

सूरी ने बताया कि नगर निगम के उच्चतम न्यायालय के समक्ष एस.सी. मेहता बनाम यूनियन ऑफ इण्डिया एवं अन्य मामले में एक शपथ पत्र दायर कर कहा है कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रतिदिन लगभग 11000 मीट्रिक टन कूड़ा का सृजन होता है।

 

वर्तमान कूड़ा प्रसंस्करण संयत्र की क्षमता केवल लगभग 8000 मिटिक टन प्रतिदिन है जिसमें से 7200 एमटीएस की प्रतिदिन संसाधित किया जा रहा है। शेष लगभग 4 हजार मीटिक टन कूडे को गाजीपुर और भलस्वा डम्प स्थलों पर प्रतिदिन बिना प्रसंस्करण के डम्प किया जा रहा है।

*स्थायी समिति का गठन न होने से ठप पडी है कई योजनाएं*

सूरी ने कहा कि स्थायी समिति के अभाव में, 5 करोड़ रुपयें से अधिक की परियोजनाओं को स्वीकृति नहीं दी जा सकती जिसके परिणामस्वरूप पिछले 18 महीने से सभी परियोजनाएं ठप्प हो गई है। साफ-सफाई और कूडे के निपटान के लिए प्रस्तावित योजनाएं भी स्थायी समिति के गठन के कारण लंबित पडी हुई है। कूड़ा उठाने वाली एजेंसियों के ठेका खत्म हो गया है। एजेंसियां एक्सटेंशन पर काम कर रही है, जिसकी वजह से साफ सफाई का बुरा हाल है। निगम को नया टेंडर करने के लिए स्थायी समिति का गठन करना होगा।

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