पिछले पांच वर्षों में 8,34,000 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी

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Sachin Meena

भारतीय लोग तेजी से अपनी नागरिकता छोड़ रहे हैं और इन दिनों विदेश में बसने का रुझान काफी ज्यादा बढ़ गया है. इस बदलाव के पीछे की वजहें कई हैं, जैसे बेहतर नौकरी के अवसर मिलना, जीवन की गुणवत्ता और शिक्षा के बेहतर विकल्प. पिछले पांच वर्षों में 8,34,000 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी है और अब वे दूसरे देशों की नागरिकता ले रहे हैं.

लेकिन क्या आप जानते हैं कि वे सबसे ज्यादा किस देश में जाना पसंद कर रहे हैं? आइए जानते हैं इस रोचक तथ्य को:

 

क्या कहते हैं आंकड़े

 

भारत से नागरिकता छोड़कर विदेश जाने वाले भारतीयों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है. 2011 से 2019 तक हर साल औसतन 1,32,000 भारतीय नागरिकता छोड़ रहे थे लेकिन कोविड-19 महामारी के बाद यह संख्या तेजी से बढ़ गई है. 2020 से 2023 के बीच हर साल लगभग 2 लाख लोग अपनी नागरिकता छोड़कर अन्य देशों में बसने लगे हैं. 2023 में तो 2,16,219 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ी है जो कि पिछले सालों की तुलना में अधिक है.

 

अमेरिका है पहली पसंद

 

अब सवाल उठता है कि भारतीय लोग किस देश की नागरिकता लेना सबसे ज्यादा पसंद कर रहे हैं? तो जवाब है अमेरिका, जी हाँ पिछले पांच सालों में 8 लाख, 34,000 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी है जिसमें से अधिकांश अमेरिका में बसना पसंद कर रहे हैं. इसके अलावा कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूके और जर्मनी में भी भारतीय नागरिकों की संख्या बढ़ रही है. केंद्र सरकार के आंकड़ों के अनुसार, 2023 में 2,16,219 भारतीयों ने अपनी नागरिकता छोड़ दी, जो पिछले सालों की तुलना में अधिक है. यह आंकड़ा काफी चौंकाने वाला है और यह दर्शाता है कि भारतीयों को विदेशों में बसने की ओर अधिक आकर्षित किया जा रहा है. अमेरिका में सबसे ज्यादा भारतीय नागरिकों ने अपनी नागरिकता हासिल की है इसके बाद कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, यूके और जर्मनी का स्थान है. यह आंकड़े बताते हैं कि भारतीय लोग विदेशों में अपना भविष्य बनाने के लिए काफी आकर्षित हो रहे हैं.

 

पकिस्तान भी जा रहे भारतीय

 

दिलचस्प बात यह है कि हाल के वर्षों में कुछ भारतीयों ने पाकिस्तान, नेपाल और केन्या की नागरिकता भी ली है. 70 लोगों ने पाकिस्तानी नागरिकता, 130 लोगों ने नेपाली नागरिकता और 1,500 लोगों ने केन्याई नागरिकता अपनाई है. इस बढ़ते प्रवास का एक कारण यह भी हो सकता है कि भारतीय शिक्षा, तकनीकी और व्यापार के क्षेत्र में दुनिया भर में अपनी पहचान बना रहे हैं. अमेरिका में भारतीयों की बढ़ती संख्या इस बात का प्रमाण है कि भारतीय दुनिया के लोग प्रमुख देशों में अपनी जगह बना रहे हैं. इस पूरे बदलाव के पीछे का मुख्य कारण बेहतर जीवन की तलाश, उच्च शिक्षा और करियर के अवसरों की खोज है. भारतीय लोग अब विदेशों में अपनी नई पहचान बनाने और बेहतर अवसरों की खोज में लगे हैं.

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