मशूहर धीरेंद्र कृष्‍ण शास्‍त्री ने बताया कि कैसे उनसे अनोखे-अनोखे भक्‍त टकरा जाते हैं

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Sachin Meena

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के सामने कई भक्‍त अपनी पर्ची न‍िकलवाते हैं. उनके अनोखे कथावाचन खूब चर्चित हैं. लेकिन ये बात भी सही है कि उनके भक्‍तों की संख्‍या हजारों-लाखों में है.

हाल ही में अपने एक प्रवचन के दौरान बाबा बागेश्वर के नाम से मशूहर धीरेंद्र कृष्‍ण शास्‍त्री ने बताया कि कैसे उनसे अनोखे-अनोखे भक्‍त टकरा जाते हैं. एक मह‍िला ने तो उनके स‍िर पर नारियल ही फेंक कर मार दिया. इससे उन्‍हें इतनी चोट लगी कि वो पूरी रात परेशान रहे. बागेश्‍वर धाम वाले बाबा ने बताया कि इतना ही नहीं, एक भक्‍त तो उनके ऊपर चाकू लेकर चढ़ गया था. ऐसे ही समय पर उन्‍हें अपनी स‍िक्‍योर‍िटी की जरूरत पड़ती है. मध्‍यप्रदेश के छतरपुर के शास्त्री महज 22 साल की उम्र में ही पीठाधीश्वर बन गए थे और उनकी उम्र अब 28 साल है. ऐसा माना जाता है कि उनके पास द‍िव्‍य शक्‍ति है कि वह लोगों की परेशानी को झट से समझ जाते हैं और भक्‍तों को समाधान भी देते हैं. हाल ही में अपने एक प्रवचन में बाबा अपनी ही स‍िक्‍योर‍िटी का मजाक उड़ाते हुए नजर आए. इस वीड‍ियो में धीरेंद्र शास्‍त्री बताते हुए नजर आए, ‘एक बार एक आदमी हमारे पास आया कि बाबा तुम्‍हारो बॉडीगार्ड बनना है. हमने कहा बन जाओ, क्‍या द‍िक्‍कत है. एक जगह लड़ाई हो गई सो हमी को उन्‍हें बचाना पड़ा.’बाबा के बॉडीगार्ड खाते हैं काजू

इस वीड‍ियो में बागेश्‍वर धाम वाले बाबा अपनी बात कहते-कहते अपनी बॉडीगार्डों को देखने लगे और कहते हैं, ‘हमारे बॉडीगार्ड भग गए, वो तभी आएंगे जब हमला होगा.’ तभी उन्‍हें अपने बॉडीगार्ड कहीं बैठे हुए द‍िख गए. मंच से ही अपनी स‍िक्‍योर‍िटी का मजाक उड़ाते हुए धीरेंद्र शास्‍त्री बोले, ‘हमारी स‍िक्‍योर‍िटी भी गजब की है. इन्‍हें क‍िसी बात की च‍िंता नहीं है. ये बस भक्‍तों को तभी धक्‍का देते हैं, जब कोई फूल चढ़ाने आए.’ तभी कैमरा उनके स‍िक्‍योर‍िटी गार्ड की तरफ घूमता है

पंड‍ित धीरेंद्र शास्‍त्री का जन्म 4 जुलाई 1996 को छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में हुआ है.

 

अर्जी कहकर नाक पर मारा नार‍ियल

वो आगे कहते हैं, ‘इन्‍हें कोई च‍िंता नहीं है, बस जैकेटें पहन रहे, काजू के फक्‍के खा रहे… इनसे पूछो काम क्‍या है, तो कहते हैं गुरुजी की स‍िक्‍योर‍िटी है. y स‍िक्‍योर‍िटी है. और इनका काम क्‍या है, बस एक ही काम है कि भक्‍त गुरुजी को फूलमाला न चढ़ा पाएं.’ इसके बाद वह बताते हैं कि ये सब पूरा सच नहीं है, बहुत अच्‍छे बच्‍चे हैं. उन्‍होंने कहा, ‘बहुत उपद्रवी भी हमसे जुड़े हैं. कुछ भक्‍त फूलमाला चढ़ाते हैं तो एक संतमहाराज चाकू लेकर आ गए. अब भक्‍त हैं, इन्‍हें मना थोड़े ही कर सकते हैं. अब कल एक माता जी ने नारियल मार दिया फेंक कर नाक में. पूरी रात लाल रही नाक. हम बाम लगाते रहे. हमने माता जी से पूछा कि ये नारियल क्‍यों मारा फेंक कर तो बोलीं, गुरू जी अर्जी चढ़ाई है.’

आपको बता दें कि पंड‍ित धीरेंद्र शास्‍त्री का जन्म 4 जुलाई 1996 को छतरपुर जिले के गढ़ा गांव में हुआ था. परिवार भी गढ़ा गांव में ही रहता है. बागेश्वर बालाजी का धाम भी इसी गांव में है, जिनके उपासक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री हैं. इसी वजह से धीरेंद्र शास्त्री को लोग बागेश्वर बाबा के नाम से भी बुलाते हैं. 28 साल के धीरेंद्र शास्त्री के करोड़ों की संख्या में भक्त हैं.

 

 

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