NPS Vatsalya: कहां-कैसे खुलेगा एनपीएस वात्सल्य खाता, कितना करना होगा निवेश – जानें सभी सवालों के जवाब

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Sachin Meena

साल आम चुनाव के चलते जुलाई में पेश किए गए वित्तवर्ष 2024-25 के पूर्ण आम बजट में केंद्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने छोटे बच्चों के लिए पेंशन योजना की घोषणा की थी, जिसे NPS Vatsalya (एनपीएस वात्सल्य) का नाम दिया गया था.

राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली, यानी NPS या National Pesion System के तहत शुरू की गई इस योजना को बुधवार, यानी 18 सितंबर को लॉन्च किया गया.

 

पेंशन फ़ंड विनियामक और विकास प्राधिकरण, यानी पेंशन फ़ंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी या PFRDA द्वारा प्रबंधित (मैनेज्ड) एनपीएस वात्सल्य के अंतर्गत कोई भी माता-पिता अपने बच्चे या बच्चों का भविष्य सुरक्षित करने के उद्देश्य से रकम जमा कर सकेंगे, और जब बच्चा बालिग हो जाएगा, यानी 18 वर्ष का हो जाएगा, वह इसे सामान्य NPS खाते में परिवर्तित करवा सकता है. सो आइए, अब आपको बताते हैं NPS Vatsalya से जुड़े सभी तरह के सवालों के जवाब.

 

NPS Vatsalya में कम से कम कितना निवेश करना होगा…?

 

NPS Vatsalya में वार्षिक ₹1,000 से निवेश शुरू किया जा सकता है, परन्तु अधिकतम निवेश की कोई सीमा तय नहीं की गई है. खाते में जमा राशि पर चक्रवृद्धि ब्याज अदा किया जाएगा. खाता खुल जाने के बाद अंशधारक को हर साल कम से ₹1,000 का निवेश करना ही होगा.

 

कौन-कौन खोल सकता है NPS Vatsalya खाता…?

 

एनपीएस वात्सल्य योजना पहले से मौजूद NPS योजना का विस्तार है, जिसके ज़रिये छोटे बच्चों को शामिल किया गया है, लेकिन उन्हें पेंशन तभी हासिल होगी, जब वे भी 60 वर्ष की आयु तक पहुंच जाएंगे. इस दीर्घावधि पेंशन योजना में प्रत्येक भारतीय खाता खोल सकता है, बशर्ते उसके बच्चे फिलहाल नाबालिग हैं. माता-पिता के अलावा नाबालिग बच्चे के कानूनी अभिभावक को भी खाता खोलने का अधिकार है. परन्तु एकमात्र शर्त यही है कि खाताधारक नाबालिग सहित प्रत्येक व्यक्ति को KYC कम्प्लायन्ट होना चाहिए.

 

NPS Vatsalya खाते से कब और कैसे निकाला जा सकता है पैसा…?

 

जीवन की अनिश्चितताओं के ख़िलाफ़ सुरक्षा तथा दीर्घावधि वित्तीय सुरक्षा देने वाली इस योजना से मैच्योरिटी से पहले भी रकम निकाली जा सकती है, हालांकि खातों से निकासी के दिशानिर्देशों को फिलहाल अंतिम रूप दिया जा रहा है. फिर भी तय किया गया है कि योजना में निवेशित रकम को तीन साल की लॉक-इन अवधि के पश्चात खाताधारक के बालिग होने से पहले अधिकतम तीन बार निकाला जा सकेगा, और निवेशित रकम की 25 फ़ीसदी राशि ही निकालने की अनुमति होगी. यह निकासी शिक्षा ग्रहण करने, चुनिंदा रोगों के उपचार की खातिर और 75 फ़ीसदी से अधिक दिव्यांगता हो जाने की स्थिति में ही मुमकिन हो सकेगी.

 

क्या होगा, जब NPS Vatsalya खाताधारक होगा बालिग…?

 

खाताधारक के बालिग हो जाने के बाद तीन माह के भीतर खाताधारक को KYC प्रक्रिया दोबारा करनी होगी, और खाते को सामान्य NPS खाते में परिवर्तित करवाना होगा. इस वक्त खाताधारक के पास खाता बंद कर देने का विकल्प होगा, लेकिन बंधन रहेगा कि कुल जमा राशि (निवेशित रकम तथा उस पर अर्जित ब्याज) के कम से कम 80 फ़ीसदी से उसे एन्युइटी खरीदनी होगी, जबकि शेष 20 फ़ीसदी रकम को एकमुश्त निकाला जा सकेगा. जिन खाताधारकों की कुल जमा राशि ₹2,50,000 से कम होगी, वे समूची रकम को एकमुश्त निकाल सकेंगे.

NPS Vatsalya खाता डाकघरों, प्रमुख बैंकों में जाकर भी खोला जा सकता है, और इसे ई-NPS के ज़रिये ऑनलाइन भी खोला जा सकता है. ICICI बैंक ने बुधवार को योजना की शुरुआत की और कुछ बच्चों के NPS Vatsalya खाते खोले. बैंक ने उन बच्चों को उनके NPS Vatsalya खाते के लिए प्रतीकात्मक परमानेंट रिटायरमेंट अकाउंट नंबर (PRAN) भी वितरित किए. NPS Vatsalya योजना के लिए ICICI बैंक के अलावा, एक्सिस बैंक ने भी PFRDA से हाथ मिलाया है.

 

अगर NPS Vatsalya खाताधारक या अभिभावक की हो जाए मृत्यु…?

 

खाताधारक की मृत्यु होने पर : समूची जमा रकम (निवेशित राशि तथा अर्जित ब्याज) अभिभावक (अथवा माता-पिता) को लौटा दी जाएगी, क्योंकि खाते का नामिनी अभिभावक ही होता है.

अभिभावक की मृत्यु होने पर : अन्य अभिभावक को नए सिरे से KYC कर रजिस्टर किया जाएगा.

दोनों माता-पिता की मृत्यु होने पर : कानूनी अभिभावक बिना कोई निवेश किए तब तक खाते को जारी रख सकता है, जब तक खाताधारक 18 वर्ष का न हो जाए

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