अरविंद केजरीवाल ने छोड़ा CM आवास, फिरोजशाह रोड में होगा उनका नया ठिकाना
News online SM
Sachin Meena
CM पद से इस्तीफा देने के बाद अरविंद केजरीवाल ने जंतर-मंतर से ‘जनता की अदालत’ को संबोधित करते हुए सरकारी बंगला छोड़ने का ऐलान किया था। इसके बाद से ही पूर्व सीएम के लिए बंगले की तलाश हो रही थी।
आप के नेता, विधायक, पार्षद और कार्यकर्ताओं ने उन्हें अपने घर में शिफ्ट होने की पेशकश की थी। उन्हें सेंट्रल दिल्ली में आवास की तलाश थी, जो सांसद अशोक मित्तल के घर पर आकर खत्म हुई।
क्यों छोड़ना पड़ा बंगला ?
जेल से रिहा होने के बाद केजरीवाल ने यह कहते हुए इस्तीफा दे दिया था कि जब तक दिल्ली की जनता उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में “ईमानदारी” का सर्टिफिकेट नहीं दे देती तब तक वो इस पद पर नहीं बैठेंगे। इससे पहले उन्होंने कहा था कि पितृपक्ष के खत्म होते और नवरात्र शुरू होते ही वो सरकारी आवास खाली करेंगे। साथ ही सारी सरकारी सविधाएं छोड़ने की घोषणा की थी।
सुनीता केजरीवाल ने चाबी सौंपी तो भावुक हुए स्टाफ
आवास खाली करते वक्त जब अरविंद केजरीवाल की पत्नी सुनिता केजरीवाल ने चाबी सौंपी तो वहां मौजूद स्टाफ भावुक हो गए। केजरीवाल ने सबको गले लगाया और अलविदा कहा।
कौशांबी से सीएम आवास तक का सफर
मुख्यमंत्री बनने से पहले आप संयोजक अरविंद केजरीवाल गाजियाबाद के कौशांबी में रहते थे। वर्ष 2013 में पहली बार मुख्यमंत्री बनने के बाद वे दिल्ली में शिफ्ट हो गए। दिल्ली में उनका पहला ठिकाना मध्य दिल्ली के तिलक लेन में था। साल 2015 में दोबारा आम आदमी पार्टी को बहुमत मिला और केजरीवाल फिर से सीएम बने। उसके बाद North Delhi के 6, फ्लैगस्टाफ रोड वाले आवास में रहने चले गए। तब से अब तक वे इसी आवास में अपने परिवार के साथ रह रहे थे।
बता दें कि दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी होने के साथ ही केंद्र प्रशासित राज्य है। इसलिए अन्य राज्यों की तरह यहां पूर्व मुख्यमंत्री के लिए आवास का कोई प्रावधान नहीं है न ही विधायकों के लिए बंगले का कोई नियम है। मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफे के बाद केजरीवाल की Z+ श्रेणी की सुरक्षा में भी कटौती की जा सकती है।