Chhath Puja 2024: कब है नहाए खाए, इस दिन क्या करें-क्या नहीं? जानें नियम
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Sachin Meena
छठ उत्सव उत्तर भारत का सबसे प्रमुख त्योहार है। इस व्रत में सूर्यदेव के साथ-साथ छठी मैया की पूजा की जाती है। मान्यता है कि ऐसा करने से घर सुख-समृद्धि और शांति बनी रहेगी।
कब है नहाए खाए 2024?
छठ पर्व की शुरूआत कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि से होती है। इस बार ये तिथि 5 नवंबर, मंगलवार को है। इसी दिन से छठ पर्व शुरू होगा और नहाय खाए उत्सव मनाया जाएगा। छठ पर्व का पहला दिन होने से इस दिन का विशेष महत्व है और इस दिन कईं परंपराएं व मान्यताएं निभाई जाती हैं।
नहाए खाए का महत्व (Nahay khay Significance)
नहाए खाए का मतलब है स्नान करने के बाद भोजन करना। जो भी महिला-पुरुष ये व्रत करते हैं उनके लिए नहाए-खाए का दिन बहुत खास होता है। इस दिन व्रती (व्रत करने वाले) पवित्र नदी या तालाब में स्नान करते हैं। भोजन के रूप में चावल, चना दाल और लौकी या कद्दू से बनी सब्जी खाते हैं। इस भोजन को बहुत ही पवित्र माना जाता है।
क्या हैं नहाए-खाए के नियम? (Nahay khay Ke Niyam)
1. नहाए खाए के दिन व्रती अपने घर की साफ-सफाई करते हैं। यानी इस पर्व में शुद्धता और पवित्रता का विशेष रूप से ध्यान रखा जाता है।
2. पवित्र नदी या तालाब में स्नान करना अनिवार्य होता है। ये नियम बताता है कि हमें हर परिस्थिति में ये व्रत पूर्ण करना है।
3. इस दिन व्रती यानी व्रत करने वाले सिर्फ दिन में सिर्फ एक ही बार भोजन खाते हैं। इस दौरान भी साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाता है।
4. खास बात ये है कि जो लोग इस दिन व्रत नहीं करते, वे भी सात्विक भोजन ही करते हैं। घर में मांस-मदिरा का लाना इस दिन से अगले 4 दिन तक वर्जित है रहता है।