MCD वार्ड कमेटी चुनाव में BJP ने कैसे मारी बड़ी बाजी, अब स्टैंडिंग कमेटी में किसका होगा चेयरमैन?

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Sachin Meena

दिल्ली नगर निगम वार्ड समितियों और स्टैंडिंग कमेटी के 12 सदस्यों के लिए चुनाव चार सितंबर 2024 को मेयर और एनजी के बीच टकराव के बावजूद शांतिपूर्ण संपन्न हो गया.

दोनों के बीच टकराव का चुनावी प्रक्रियाओं पर कोई असर नहीं पड़ा. इसी के साथ एमसीडी जोन कमेटियों के चुनाव के बाद स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन चुनाव के लिए रास्ता साफ हो गया है, लेकिन नगर निगम की सबसे ताकतवर कही जाने वाली, इस कमेटी के चेयरमैन और वाइस चेयरमैन का चुनाव तभी संभव हो पाएगा, जब स्टैंडिंग कमेटी के खाली एक सदस्य का चुनाव एमसीडी सदन कर ले.

 

फिलहाल, एमसीडी के 12 वार्ड कमेटियों के चुनाव परिणाम आम आमदी पार्टी के लिए शुभ संकेत नहीं है. बुधवार को 12 जोनों के संपन्न चुनाव में आप के प्रत्याशी केवल पांच जोन में चुनावी जीत हासिल करने में सफल हुए. जबकि बीजेपी ने कुछ क्रॉस वोटिंग के साथ सात वार्डों में जीतें हासिल की, जो बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने वाला है.

 

ये है स्टैंडिंग कमेटी का समीकरण

 

एमसीडी के स्टैंडिंग कमेटी में सदस्यों की कुल संख्या 18 है. 18 सदस्यों में से 12 एमसीडी के 12 जोन से चुने जाते हैं. जबकि शेष छह सदन से चुने जाते हैं. इनमें से अब केवल एक पद खाली है. ये पद बीजेपी नेता कमलजीत सहरावत का पश्चिमी दिल्ली सीट से जीतने की वजह से खाली हुए हैं. इस लिहाज से स्टैंडिंग कमेटी में 18 में से 17 सदस्य चुने जा चुके हैं. 17 में से नौ सदस्य बीजेपी के हैं और आठ सदस्य आम आदमी पार्टी के हैं. इस लिहाज स्टैंडिंग कमेटी में पावर गेम अब बीजेपी के पक्ष में आ गया है.

 

स्टैंडिंग कमेटी चेयरमैन चुनाव में अब ये है बड़ी बाधा

 

अभी भी स्टैंडिंग कमेटी का चुनाव होने में एक और बड़ी बाधा है. वो बाधा यह है कि जब तक स्टैंडिंग कमेटी के सभी सदस्यों का चुनाव नहीं हो जाता, तब तक उसके चेयरमैन और डिप्टी चेयरमैन का भी चुनाव नहीं हो सकता. यानी पहले सदन की ओर से स्टैंडिंग कमेटी के लिए एक सदस्य चुने जाएंगे.

 

बीजेपी ने अपने पक्ष में ऐसे किया स्टैंडिंग कमेटी का गेम

 

पांच अगस्त को सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि एमसीडी में 10 ‘एल्डरमैन’ नामित करने के एलजी के फैसले को मंत्रिपरिषद की सहायता और सलाह की आवश्यकता नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि संशोधित डीएमसी एक्ट के मुताबिक एमसीडी में सदस्यों को नामित करने की एलजी की शक्ति एक वैधानिक शक्ति है, न कि कार्यकारी शक्ति.

 

25 अगस्त को आप के पांच पार्षदों को बीजेपी ने अपनी पार्टी में मिला लिया. हालांकि, चार दिनों बाद एक पार्षद राम चंद्र अपने सियासी घर वापस लौट आए.

 

इन दोनों घटना से एमसीडी वार्ड कमेटी के परिणामों में बदलाव हुए. चार आप पार्षदों के बीजेपी में शामिल होने और सुप्रीम कोर्ट द्वारा 10 एल्डरमैन की नियुक्ति को वैध मानने के बाद एमसीडी के सेंट्रल और नरेला जोन में बीजेपी को बढ़त मिल गई.

 

उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने तीन जोन में बीजेपी के 10 सदस्यों को पार्षद मनोनीत किया था, जिसके बाद उसे सिविल लाइंस जोन में पहले ही बढ़त मिल गई थी.

 

बता दें कि चार सितंबर को हुए चुनाव में बीजेपी नरेला, सिविल लाइंस, केशवपुरम, नजफगढ़, सेंट्रल, शाहदरा साउथ और शाहदरा नॉर्थ जोन में बीजेपी ने जीत दर्ज की. वहीं, आम आदमी पार्टी ने रोहिणी, सिटी-एसपी, करोल बाग, वेस्ट और साउथ जोन में जीत दर्ज की. इन सभी जोन में आप पार्षद अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और स्टैंडिंग कमेटी के लिए एक-एक सदस्य निर्वाचित हुए.

 

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