TRAI का नया नियम: 2 सिम कार्ड रखने वालों को देना होगा चार्ज, जानें इसका आपकी जेब पर क्या असर पड़ेगा
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Sachin Meena
टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी (TRAI) ने सिम कार्ड नंबरों पर चार्ज लगाने का प्रस्ताव रखा है। इसके तहत टेलीकॉम कंपनियां उन उपभोक्ताओं से शुल्क वसूल सकती हैं, जिनके पास एक्टिव और इनएक्टिव मोड में सिम कार्ड हैं।
इस कदम का मुख्य उद्देश्य मोबाइल नंबरिंग सिस्टम का सही उपयोग सुनिश्चित करना और देश में मोबाइल नंबरों की कमी की समस्या को हल करना है।
TRAI का प्रस्ताव: सिम कार्ड नंबर पर चार्ज का कारण
सिम का सही उपयोग:
भारत में 1.19 अरब टेलीफोन कनेक्शन्स हैं, जिनमें कई सिम डीएक्टिवेट मोड में हैं।
नंबरिंग सिस्टम का संरक्षण:
सिम नंबर सरकारी संपत्ति है और इसका सही उपयोग सुनिश्चित करना आवश्यक है।
मोबाइल नंबरों की कमी:
लंबे समय तक बिना उपयोग वाले सिम कार्डों के कारण नंबरों की कमी हो रही है।
चार्ज का स्वरूप
एकमुश्त या वार्षिक शुल्क:
डीएक्टिवेट मोड में सिम रखने पर चार्ज लागू होगा।
टेलीकॉम कंपनियों की जिम्मेदारी:
यह शुल्क उपभोक्ताओं से वसूला जाएगा।
प्रीमियम नंबरों की नीलामी
TRAI प्रीमियम मोबाइल नंबरों की नीलामी पर विचार कर रहा है। यह प्रक्रिया ऑटोमोटिव इंडस्ट्री की नंबर प्लेट नीलामी की तरह होगी।
कीमत: ₹50,000 तक प्रीमियम नंबरों की बिक्री हो सकती है।
ग्राहक चयन: ग्राहक 100-300 नंबरों में से चयन कर सकते हैं।
दूसरे देशों में ऐसे नियम
यह नियम भारत तक सीमित नहीं है। ऑस्ट्रेलिया, सिंगापुर, यूके, और हांगकांग जैसे देशों में पहले से मोबाइल नंबरों पर चार्ज लगाया जाता है।
नए नियमों का प्रभाव
सकारात्मक:
मोबाइल नंबरों का सही उपयोग सुनिश्चित होगा।
नंबरिंग सिस्टम में पारदर्शिता आएगी।
नकारात्मक:
उपयोगकर्ताओं पर अतिरिक्त खर्च बढ़ेगा।
दो सिम कार्ड रखने वालों की जेब पर असर पड़ेगा।
उपभोक्ताओं के लिए सुझाव
सिम का सही उपयोग करें।
डीएक्टिवेट मोड में सिम न रखें।
समय पर रिचार्ज करें।