Delhi: 950 करोड़ में बनी प्रगति मैदान रोड सुरंग, मानसून की पहली बारिश में खुली पोल; ठप हुआ जलनिकासी सिस्टम
न्यूज़ ऑनलाइन एसएम. सचिन मीणा नई दिल्ली
इंडिया गेट से रिंग रोड के बीच की दूरी कम कर देने वाली प्रगति मैदान सुरंग सड़क जल निकासी के मामले में फेल साबित हो रही है। 950 करोड़ की लागत से बनी इस सड़क को विश्वस्तरीय कहा जा रहा है।मगर मानसून की पहली ही वर्षा में जलनिकासी सिस्टम ठप हो जाने से लोक निर्माण विभाग की किरकिरी हो रही है।
सुरंग सड़क में दो दिन से परिचालन ठप है। जून 2022 में इसके उद्घाटन के मौके पर लोक निर्माण विभाग ने इसमें सभी अत्याधुनिक सिस्टम लगाए जाने का दावा किया था। मगर यह मानसून की वर्षा नहीं झेल पाई है। पानी भर जाने से इसके पंप खराब हो गए हैं और गाद जमा हो गया है।
पहले जताई थी इसी समस्या की आशंका
दैनिक जागरण ने गत तीन मई को समाचार प्रकाशित कर इस सुरंग में मानसून के दौरान समस्या आने की आशंका जताई थी। करीब एक साल पहले 1.3 किलोमीटर लंबाई वाली शुरू हुई इस सुरंग से मध्य और नई दिल्ली से यमुनापार से लेकर गाजियाबाद और नोएडा की ओर आना-जाना आसान हुआ है।
एक साल बाद भी पानी आना बंद नहीं हुआ
मगर उद्घाटन के बाद से सुरंग सड़क लगातार हो रहे पानी के रिसाव के कारण विवादों में है। एक साल बीत जाने के बाद भीसुरंग में पानी आना बंद नहीं हुआ है। अभी भी कई स्थानों से पानी रिस रहा है। मगर इसी बीच दो दिन यानी शनिवार और रविवार को हुई तेज वर्षा से सुरंग सड़क बुरी तरह प्रभावित हुई है।
शनिवार का दिन जैसे जैसे निकल गया, लेकिन रविवार शाम तक यह ठप हो गई। सोमवार से यह परिचालन के लिए बंद है। रविवार को भी इसे खोला नहीं जा सका है।
क्या कह रहा PWD?
लोक निर्माण विभाग का कहना है कि सुरंग में जलभराव न हो, इसके लिए 11 संपवेल बने हैं और 28 मोटर व पंप लगाए गए हैं। पीडब्ल्यूडी का कहना है कि सुरंग में पानी निकासी के लिए पर्याप्त व्यवस्था की गई है। पीडब्ल्यूडी ने अपनी असफलता पर बाहरी पानी को जिम्मेदार ठहराया है।
कहा है कि अवैध पानी डाले जाने से सुरंग में अव्यवस्था हुई है। इस सुरंग सड़क को लार्सन एंड टूब्रो कंपनी ने बनाया है। कंपनी ने उस कंपनी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दी है जो प्रगति मैदान पुनर्विकास योजना पर काम कर रही है।
शिकायत में आरोप लगाया गया है कि उस कंपनी द्वारा अपने यहां का पानी सुरंग में डाल दिया गया। इससे समस्या खड़ी हुई है और पानी भर गया और पंप खराब हो गए। बहरहाल जो भी हो, विशेषज्ञ इसकी प्लानिंग को लेकर सवाल उठाते हैं।
लोक निर्माण विभाग के पूर्व प्रमुख अभियंता दिनेश कुमार कहते हैं कि जब भी जमीन के अंदर किसी परियोजना पर काम होता है तो जल रिसाव की आशंका हर समय बनी रहती है। मगर उसके लिए शुरू से ही प्रबंध किए जाते हैं। यहां कोई कमी जरूर रही है, जिससे यह समस्या रही है।
वह कहते हैं कि मानसून की बात है तो वर्षा होने पर इस सुरंग में हर समय यह समस्या रहेगी। दरअसल इस सुरंग के स्थान की भौगोलिक स्थिति ही ऐसी है कि वर्षा होने पर राष्ट्रपति भवन की ओर से इंडिया गेट होता हुआ वर्षा का पानी यमुना की ओर जाता है, जिसका फ्लो सुरंग सड़क की ओर है। अधिक वर्षा होने पर यहां हर समय जल भराव की आशंका रहेगी।