संपत्ति कर जमा न करने वालों को दिल्ली नगर निगम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से पकड़ेगा

News online SM

Sachin Meena

New Delhi

संपत्ति कर जमा न करने वालों को दिल्ली नगर निगम आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से पकड़ेगा। वह लोग, जो अपनी आवासीय संपत्ति को व्यावसायिक तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। साथ ही, आवासीय संपत्ति पर वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का पंजीकरण भी करा लिया है, तो अब निगम उन्हें पकड़ेगा।

आवासीय संपत्ति में कारोबार करने पर ऐक्शन
निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कई नागरिकों ने अपनी आवासीय संपत्ति में जिम खोला है और उसे व्यावसायिक रूप से इस्तेमाल कर रहा है। इसके लिए जीएसटी का पंजीकरण करते हुए उन्होंने खुद की आवासीय संपत्ति को वित्तीय तौर पर कागजों में घोषित किया है। तो ऐसे लोगों पर अब सख्ती से कार्रवाई की जाएगी। इनसे पूरी निर्धारित अवधि का व्यवसायिक माध्यम से संपत्ति कर वसूला जाएगा।

हेरफेर करने वालों का निगम ऐसे लगाएगा पता

1- निगम ने दो डाटा वैज्ञानिकों को अपनी टीम में शामिल किया है। साथ ही, निगम को दिल्ली भर से लगभग 12 लाख संपत्तियों द्वारा संपत्ति कर का भुगतान किया जाता है। जिनमें तीन लाख व्यवसायिक संपत्तियां हैं। निगम के पास पूरी तरह से संचालित सभी संपत्तियों का डाटा उपलब्ध है। निगम डेटा एनालिटिक्स के जरिए और डाटा वैज्ञानिकों के साथ एआई के सहयोग से संपत्ति कर का भुगतान न करने वालों और निगम को अपनी व्यावसायिक संपत्तियों के उपयोग की सही जानकारी न देने वालों का पता लगाएंगे।

2- इसमें निगम अपने संपत्ति कर देने वालों नागरिकों के रिकॉर्ड के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अधीन राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआईसी) के डेटा का भी सहयोग लेगा।

3- डेटा एनालिटिक्स के जरिए किसी आवासीय संपत्ति का डाटा मिलान करते समय यह पाया गया कि वह उस संपत्ति को आवासीय संपत्ति के रूप में उपयोग कर रहा है। तो ऐसे नागरिकों पर सख्त कार्रवाई होगी और उन्हें नोटिस भी भेजा जाएगा। निगम के नियम अनुसार लंबे समय से संपत्ति कर का भुगतान न करने वालों की संपत्ति को अटैच भी किया जाता है। ऐसे में किसी व्यावसायिक संपत्ति का बड़ी रकम का संपत्ति कर का भुगतान नहीं हुआ है, तो ऐसे नागरिकों पर संपत्ति कर न जमा करने वालों की संपत्तियों को भी अटैच किया जाएगा।

हर दिन एक हजार नोटिस
निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि व्यावसायिक संपत्तियों को जियो टैग करने के लिए सौ दिनों के लिए अभियान शुरू किया जा रहा है। इसके तहत निगम के हर जोन के 50 से अधिक कर्मचारी अभियान में शामिल होंगे। साथ ही, दो सप्ताह के अंदर निगम उन सभी संपत्ति मालिकों को प्रत्येक दिन एक हजार नोटिस भेजेगा। जो संपत्ति कर जमा नहीं करा रहे हैं,मैसेज के जरिए भी भेजे जाएंगे नोटिस
वहीं, निगम के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बेहद तेज गति से संचालित होने वाले सॉफ्टवेयर के साथ अब निगम अपने संपत्ति कर का डेटा का उपयोग डाटा केंद्र पर कर रहा है। निगम की योजना है कि अब एक साथ काफी संख्या में मोबाइल मैसेज के जरिए भी संपत्ति कर न जमा करने वालों को नोटिस भेजा जाएगा। यह सभी, वह लोग होंगे जो निगम के रिकॉर्ड हैं। वहीं, निगम व्यावसायिक संपत्तियों के साथ ही आवासीय संपत्तियों को भी जियो टैग करेगा। जिससे, निगम के पास उचित संपत्ति के रिकॉर्ड प्राप्त हो जाएं।

तीन हजार करोड़ रुपये तक राजस्व बढ़ाने पर जोर
निगम को हर वित्तीय वर्ष 2400 करोड़ रुपये का संपत्ति कर का राजस्व प्राप्त होता है। वहीं, निगम की योजना है कि इस वर्ष निगम जियो टैग और अन्य माध्यमों से संपत्ति कर का भुगतान न करने वालों और कई नए संपत्ति करदाताओं को जोड़कर 3 हजार करोड़ रुपये तक इस वित्तीय वर्ष तक संपत्ति कर से अपने राजस्व को बढ़ाने पर जोर दे रहा है। इस रकम से निगम पार्किंग, नए बुनियादी ढांचे को विकसित करने के साथ विभिन्न प्रोजेक्ट में इसे शामिल करेगा

फायर एनओसी प्राप्त नहीं करने वालों का भी लग सकेगा पता
निगम के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार व्यावसायिक संपत्तियों के लिए जियो टैग करने के अभियान के तहत निगम को फायर एनओसी न प्राप्त करने वाली व्यावसायिक संपत्तियों की भी जानकारी मिल सकेगी। निगम की योजना है कि इस अभियान से और निगम के डेटा सेंटर में सभी संपत्तियों का डेटा उपलब्ध हो जाए। जिससे व्यावसायिक संपत्तियों के फायर अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) न प्राप्त करने वालों की भी जानकारी मिल जाएगी। अभी, निगम को 12 लाख संपत्तियों से दिल्ली में संपत्ति कर प्राप्त होता है। जिनमें से 3 लाख संपत्तियां व्यावसायिक श्रेणी में आती हैं।

पहली तिमाही में 1,113 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त
वहीं, निगम को पहली तिमाही के दौरान संपत्ति कर से 1,113 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ है। अप्रैल, मई और जून 2023 में यह रकम संपत्ति कर के रूप में निगम के पास संपत्ति कर दाताओं ने जमा की है। इससे पहले वर्ष 2021-22 के वित्तीय वर्ष की पहले तिमाही में 695 करोड़ रुपये संपत्ति कर के तौर पर निगम के पास संपत्ति करदाताओं ने जमा किए थे। वहीं, 2020-21 वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में 540 करोड़ रुपये संपत्ति करदाताओं ने जमा किए थे।बड़ी रकम का भुगतान न करने पर कार्रवाई
निगम ने इस वर्ष कई बड़ी व्यावसायिक संपत्ति मालिकों पर संपति कर न जमा कराने पर कार्रवाई भी की है। इसमें कई मॉल भी शामिल हैं, जिन पर निगम का 3 करोड़ रुपये तक संपत्ति कर का बकाया था। निगम ऐसे मॉल और व्यावसायिक पर कार्रवाई करते हुए उन्हें सील भी किया है। वहीं, निगम ने संपत्ति करदाताओं के लिए अपनी संपत्ति को जियो टैग करने के लिए इस वर्ष जून माह में मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया है। इस ऐप पर अधिक संख्या में संपत्ति करदाता जुड़े इसके लिए भी निगम रणनीति बना रहा है। नागरिकों को इस ऐप से जुड़ने के लिए भी कहा जा रहा है।

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