मनुष्य को अपने कर्मों का फल भोगना ही पड़ता है : डॉ.गीता राम त्रिपाठी
न्यूज ऑनलाइन एसएम
सचिन मीणा
नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय नेता एवं भारत सरकार के राष्ट्रीय बागवानी बोर्ड के निदेशक वीरेंद्र जुयाल के नेतृत्व में पूर्वी दिल्ली के पश्चिमी विनोद नगर में स्थित श्री बद्रीनाथ मंदिर प्रांगण में आयोजित हो रही श्री रामकथा के दूसरे दिन व्यास पीठ पर विराजमान डॉ. गीता राम त्रिपाठी जी ने कहा कि हम परमात्मा से भिन्न नहीं हैं, किंतु संसार और इंद्रियों के संयोग से जीव फंस जाता है। कर्म दो प्रकार का होता है, सत और असत, दोनों का फल जीव को भोगना पड़ता है। उन्होंने कहा कि राम कथा के श्रवण से मनुष्य का सर्व दृष्टि से उद्धार होता है। कथा का मुख्य सती चरित्र रहा। लोगों ने बहुत गंभीरता पूर्वक कथा का श्रवण कर आनंद लिया।
*धार्मिक कथाओं से राष्ट्र एवं समाज का होता है कल्याण : वीरेंद्र जुयाल*
कथा के आयोजक वीरेंद्र जुयाल ने कहा कि इस कथा का आयोजन राष्ट्र एवं समाज के कल्याण के लिए किया जा रहा है। राम कथा को स्थानीय लोगों का अपार सहयोग मिल रहा है।
वहीं कथा में बद्रीनाथ मंदिर समिति के प्रधान बी.एल ढौढियाल, भीम सिंह भंडारी, विजय प्रकाश जुयाल, उमेद सिंह नेगी, मोर सिंह रावत, अशोक काला, विनोद नौगाई, विजय प्रसाद भट्ट, तुंगेश्वर प्रसाद उनियाल, दिनेश उनियाल, दीपा तिवारी, गायत्री जयडा, पर्मेश्वरी पांडेय सहित काफ़ी संख्या में लोग उपस्थित थे।