दिल्ली के मयूर विहार फेज-3 स्थित जिस नाले में हाल ही में डूबकर एक मां-बेटे की मौत मामलें में कोर्ट का फैसला

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Sachin Meena

दिल्ली के मयूर विहार फेज-3 स्थित जिस नाले में हाल ही में डूबकर एक मां-बेटे की मौत हुई थी, उसे पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर हाई कोर्ट ने डीडीए के अधीन करार दिया है. हाई कोर्ट ने डीडीए को पीड़ित परिवार को मुआवजा देने का आदेश भी दिया है.

हाई कोर्ट के इस फैसले के बाद आम आदमी पार्टी ने खुल कर बीजेपी और दिल्ली के एलजी पर हमला बोला दिया है.

 

आप नेताओं का कहना है कि दिल्ली हाई कोर्ट द्वारा डीडीए को पीड़ित परिवार को मुआवजा देने का आदेश उपराज्यपाल विनय सक्सेना और बीजेपी के मुंह पर तमाचा है.

 

आप ने आक्रमक होते हुए कहा कि नाले में डूबने से हुई मां-बेटे की मौत मामले में गंदी राजनीति कर रही बीजेपी के झूठ का आखिरकार पर्दाफाश हो गया. यह नाला दिल्ली विकास प्राधिकरण की है. यह दावा दिल्ली पुलिस द्वारा हाईकोर्ट में पेश रिपोर्ट में किया गया है.

 

डीडीए ने दिया था कंप्लीशन सर्टिफिकेट – AAP

 

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधायक कुलदीप कुमार और दिलीप पांडे ने शुक्रवार को पार्टी मुख्यालय में हाई कोर्ट के आदेश के बाद एक संयुक्त प्रेस वार्ता की. इस दौरान आप के वरिष्ठ नेता कुलदीप कुमार ने बीजेपी और उपराज्यपाल को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि इस घटना से सप्ताह भर पहले ही डीडीए ने बिना जांच पड़ताल किए निर्माणाधीन नाले का कंप्लीशन सर्टिफिकेट दिया था. आम आदमी पार्टी घटना के बाद से अफसरों पर कार्रवाई करने और पीड़ित परिवार को मुआवजा देने की मांग कर रही थी.

 

बीजेपी ने एमसीडी को ठहराया था जिम्मेदार

 

दरअसल, 31 जुलाई की शाम कोंडली विधानसभा के मयूर विहार फेस-3 में एक खुले नाले में गिरने से एक मासूम बच्चे और उसकी मां की मृत्यु डीडीए के अफसरों की लापरवाही के कारण हुई. उन्होंने उसी समय कहा था कि यह कोई हादसा नहीं, बल्कि हत्या है और जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की थी. बीजेपी पर निशाना साधते हुए कुमार ने कहा कि, बिना कुछ जाने बीजेपी ने इसे एमसीडी का नाला बता दिया और गंदी राजनीति के तहत इस घटना के लिए आप और एमसीडी को जिम्मेदार ठहराया.

 

BJP-LG की राजनीति अमानवीय: दिलीप पांडे

 

आम आदमी पार्टी के विधायक दिलीप पांडे ने कहा कि उन मां-बेटे की जान तो वापस नहीं आ सकती, लेकिन हम कोर्ट के इस फैसले का सम्मान करते हैं. हमें उम्मीद है कि यह फैसला उस पीड़ित परिवार के जख्मों पर मरहम का काम करेगा. यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस पूरे मामले में बीजेपी और उपराज्यपाल ने लीपापोती करने की कोशिश की, जिससे पता चलता है कि बीजेपी की राजनीति कितनी अमानवीय हो गई है. हाई कोर्ट के इस फैसले ने भी बीजेपी के झूठ को तार-तार कर दिया.

 

पांडे ने कहा कि हमने इस घटना के तुरंत बाद उपराज्यपाल से आग्रह किया था कि वे इसमें राजनीतिक नहीं, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से हस्तक्षेप करें, पीड़ित परिवार को इसका उचित मुआवजा दें और जिन लापरवाह अधिकारियों की वजह से यह घटना हुई है, उनके खिलाफ कार्रवाई करें.

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