सुनीता विलियम्स की अगले साल होगी अंतरिक्ष से वापसी, तब तक कैसे रहेंगी, क्या करेंगी.जानें हर सवाल का जवाब?
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Sachin Meena
सुनीता विलियम्स करीब 97 दिनों से स्पेस स्टेशन पर हैं, वह महज़ 8 दिनों के लिए बोइंग के बनाए स्टारलाइनर के टेस्ट मिशन पर अंतरिक्ष गईं थीं लेकिन उनके स्पेसक्राफ्ट में आई खराबी की वजह से वह, 8 महीने अंतरिक्ष में गुज़ारकर लौटेंगी.
उनके साथ एक और अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर भी अंतरिक्ष स्टेशन में हैं, सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर अब फरवरी 2025 में धरती पर लौटेंगे.
सुनीता विलियम्स की अंतरिक्ष यात्रा को लेकर कई तरह के सवाल लोगों के मन में उठ रहे हैं, इस लेख के जरिए हम उन तमाम सवालों के जवाब देने की कोशिश करेंगे.
सवाल- क्या अपने परिवार से रोजाना बात करती हैं सुनीता?
जवाब- एस्ट्रोनॉट्स इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से अपने परिवार से बात कर सकते हैं, स्पेस स्टेशन में इंटरनेट का इस्तेमाल करना उतना ही आसान है जितना की पृथ्वी पर. स्पेस स्टेशन पर रहने वाले अंतरिक्ष यात्री वीडियो कॉल, ईमेल और फोन कॉल के जरिए अपने परिवारों के साथ संपर्क कर सकते हैं, हालांकि यह रोजाना नहीं होता. हाल ही में एक इंटरव्यू में सुनीता विलियम्स की मां बोनी पांड्या ने बताया था कि सुनीता विलियम्स से उन्होंने 2 दिन पहले बात की थी, यानी सुनीता विलियम्स अपने परिवार से लगातार संपर्क में हैं.
सवाल- क्या जब चाहें तब NASA से संपर्क कर सकती हैं सुनीता विलियम्स?
जवाब- नासा के पास दुनिया भर में एंटेना का एक बड़ा नेटवर्क है, साथ ही अंतरिक्ष में उपग्रह भी हैं जो रेडियो तरंगों को संचारित करने में मदद करते हैं. अंतरिक्ष यात्री, मिशन कंट्रोलर्स और वैज्ञानिक, किसी भी तरह के संचार के लिए इस नेटवर्क पर निर्भर करते हैं. लेकिन अंतरिक्ष यात्री पृथ्वी पर ग्राउंड स्टेशन से सीधे संवाद तभी कर सकते हैं जब सैटेलाइट को ग्राउंड स्टेशन का साफ नजारा दिखाई दे, जो आमतौर पर केवल थोड़े समय के लिए होता है.
सवाल- अंतरिक्ष में क्या करते हैं दोनों विलियम्स और विल्मोर?
जवाब- सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर टेस्ट मिशन पर 8 दिनों के लिए गए थे, लेकिन उन्हें स्पेस स्टेशन पर पहुंचे 3 महीने हो चुके हैं. हालांकि पहले दोनों अंतरिक्ष यात्री ISS पर पहले से मौजूद एक्सपेडिशन-71 की टीम की मदद कर रहे थे, जिसमें 7 अंतरिक्ष यात्री शामिल हैं. लेकिन अब जबकि दोनों की वापसी फरवरी 2025 तक के लिए टल गई है, ऐसे में सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर उन 7 अंतरिक्ष यात्रियों की तरह ही फुल टाइम स्टेशन क्रू मेंबर बन गए हैं. दोनों ISS में प्रयोग, मेंटेनेंस करेंगे, साथ ही अपनी हड्डियों और मसल्स को मजबूत रखने के लिए एक्सरसाइज भी करेंगे.
सवाल- स्पेस स्टेशन में सुनीता विलियम्स की दिनचर्या क्या होती है?
जवाब- नासा के एक अधिकारी ने बताया था कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर सामान्य रूटीन का पालन कर रहे हैं. इस दौरान दोनों एक्सरसाइज भी करते हैं और स्पेस स्टेशन के मेंटेनेंस और एक्सपेरिमेंट का भी काम करते हैं. वहीं स्पेस स्टेशन पर मौजूद एक अंतरिक्ष यात्री लोरल ओ हारा ने अंतरिक्ष में व्यायाम करने का एक वीडियो पोस्ट करते हुए बताया है कि अंतरिक्ष में रोजाना ढाई घंटे एक्सरसाइज के लिए समय निर्धारित होता है, जिसमें के एक घंटे वेटलिफ्टिंग और 30-50 मिनट कार्डियो (दौड़ना या साइकिल चलाना) होता है. अंतरिक्ष यात्री स्पेस स्टेशन पर संगीत या पॉडकास्ट सुनने, पढ़ने, आने वाले मिशन के लिए अध्ययन करने के लिए भी समय निकालते हैं.
सवाल- अंतरिक्ष में एक्सरसाइज़ क्यों करते हैं अतंरिक्ष यात्री?
जवाब- अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने से शरीर पर काफी दुष्प्रभाव होता है, मांसपेशियों का वजन कम होता है, हड्डियां कमजोर होती हैं और नसों पर भी दबाव पड़ता है. ऐसे में अंतरिक्ष यात्रियों को कुछ जरूरी एक्सरसाइज करनी होती है जिससे हड्डियों और मांसपेशियों पर होने वाले असर को कम किया जा सके.
सवाल- सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में क्या खाती हैं?
जवाब- स्पेस स्टेशन पर खाने की कोई कमी नहीं है. 14 अगस्त 2024 को प्रोग्रेस एमएस-28 नाम के कार्गो रीसप्लाई स्पेसशिप से नासा ने लगभग तीन टन खाना, कपड़ा, ईंधन, मेडिकल और साफ-सफाई की चीजें स्पेस स्टेशन भेजी हैं. नासा समय-समय पर खाना-पानी समेत जरूर के सामान भेजता रहता है.
नासा इसमें सूप और नाश्ते के लिए जो खाद्य सामग्री भेजता है उनका वजन कम करने के लिए लॉन्च से पहले पानी निकाल दिया जाता है, अंतरिक्ष यात्री स्पेस शटल पर उत्पन्न पानी से इन खाद्य पदार्थों को फिर से हाइड्रेट कर सकते हैं. इसके अलावा रेडी टू ईट मीट आइटम, मछली, नट्स, कुकीज़, फल, पुडिंग, मशरूम, टमाटर समेत कई तरह की खाद्य सामग्री भेजी जाती है जिसे अंतरिक्ष यात्री खाते हैं.
वहीं पानी की बात की जाए तो धरती से अंतरिक्ष तक पानी भेजना बेहद खर्चीला है लिहाज़ा नासा ने ISS पर एक वॉटर सिस्टम लगा रखा है, जो पीना का पानी बनाता है. यह वॉटर सिस्टम पीने और नहाने के लिए पानी बनाता है, साथ ही नमी को इकट्ठा कर पानी तैयार करता रहता है. यानी अंतरिक्ष स्टेशन पर पीने के पानी की कोई कमी नहीं होती, यहां तक की आपातकालीन स्थिति के लिए करीब 500 गैलन पानी रखा जाता है.
सवाल- नासा ने सुनीता विलियम्स को अंतरिक्ष में क्यों भेजा?
जवाब- सुनीता और बुच विल्मोर बोइंग और नासा के ‘क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन’ पर गए थे. इस मिशन में सुनीता विलियम्स स्पेसक्राफ्ट की पायलट थीं और उनके साथी बुच विल्मोर मिशन के कमांडर. दोनों 8 दिन में कई तरह के एक्सपेरिमेंट करने थे, हालांकि इस मिशन का मुख्य उद्देश्य स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट के जरिए स्पेस स्टेशन तक जाना और वापस लाने की क्षमता का परीक्षण करना था.
सवाल- सुनीता विलियम्स धरती पर वापस कब लौटेंगी?
जवाब- सुनीता विलियम्स अपने साथी बुच विल्मोर और दो अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ फरवरी 2025 में लौटेंगी. ये सभी नासा के क्रू9 मिशन का हिस्सा होंगे और एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल के जरिए अगले साल इनकी वापसी होगी.
सवाल- सुनीता विलियम्स इतने दिनों तक अंतरिक्ष में क्या करेंगी?
जवाब- सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर फिलहाल स्पेस स्टेशन पर फुल टाइम स्टेशन क्रू मेंबर हैं. दोनों वहां पहले से मौजूद अंतरिक्ष यात्रियों की ही तरह एक्सपेरिमेंट और मेंटेनेंस का काम कर रहे हैं, हालांकि जब ड्रैगन कैप्सूल क्रू9 के 2 अन्य अंतरिक्ष यात्रियों को लेकर स्पेस स्टेशन पहुंचेगा तब विलियम्स और विल्मोर क्रू9 का हिस्सा बन जाएंगे. इस मिशन के तहत इन्हें स्पेसवॉक, रोबोटिक्स समेत कई तरह के टास्क पूरे करने होंगे.
सवाल- क्या अंतरिक्ष में फंस गईं हैं सुनीता विलियम्स?
जवाब- नासा के मुताबिक सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष में फंसी नहीं हैं. पिछले महीने NASA के चीफ एस्ट्रोनॉट जो अकाबा ने वापसी में हो रही देरी को लेकर कहा था कि सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर पहले से इस तरह के मिशन के लिए तैयार थे. अकाबा ने बताया कि दोनों अंतरिक्ष यात्रियों को पहले से पता था कि यह एक टेस्ट फ्लाइट है और ऐसा हो सकता है कि इस दौरान सब कुछ ठीक न हो. NASA के चीफ एस्ट्रोनॉट अकाबा ने कहा था कि स्टारलाइनर के मिशन से पहले बुच विल्मोर अंतरिक्ष में 178 दिन बिता चुके हैं, वहीं सुनीता विलियम्स करीब 322 दिन अंतरिक्ष में रह चुकी हैं, दोनों अंतरिक्ष यात्री अनुभवी और प्रशिक्षित हैं ऐसे में यह नहीं कहा जा सकता कि वे वहां फंस गए हैं.