दिल्ली LG ने की केजरीवाल के खिलाफ NIA जांच की सिफारिश, खालिस्तानी आतंकी संगठन से फंड लेने का आरोप
News Online SM
Sachin Meena
शराब नीति मामले में ईडी की गिरफ्तारी के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल की अब और मुश्किलें बढ़ने वाली हैं। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ NIA जांच की सिफारिश की है।
दिल्ली एलजी ने गृह मंत्रालय को पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने आप पर आतंकी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ से फंड लेने का आरोप लगाया गया है।वहीं आम आदमी पार्टी ने इसे षड्यंत्र करार दिया है।
दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने खालिस्तान समर्थक संस्था से कथित फंडिंग को लेकर अरविंद केजरीवाल के खिलाफ एनआईए जांच की सिफारिश की है। वीके सक्सेना ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप सरकार को अमेरिका स्थित प्रतिबंधित सिख संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ से फंडिंग मिली थी।
दिल्ली के उपराज्यपाल को शिकायत मिली थी कि AAP को देवेंद्र पाल भुल्लर की रिहाई में मदद करने और खालिस्तान समर्थक भावनाओं को बढ़ावा देने के लिए खालिस्तानी ग्रुपों से 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर मिले थे। बता दें कि विश्व हिंदू महासंघ की तरफ से लिखित शिकायत मिली थी।
एलजी ने कहा कि चूंकि शिकायत एक मुख्यमंत्री के खिलाफ की गई है और एक प्रतिबंधित संगठन से प्राप्त राजनीतिक फंडिंग से संबंधित है। इसलिए शिकायतकर्ता द्वारा दिए गए इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्यों की फॉरेंसिक सहित जांच की आवश्यकता है।
उपराज्यपाल ने गृह मंत्रालय को जनवरी 2014 में केजरीवाल द्वारा इकबाल सिंह को लिखे गए एक पत्र का भी हवाला दिया है, जिसमें जिक्र किया गया है कि “आप सरकार पहले ही राष्ट्रपति को भुल्लर की रिहाई की सिफारिश कर चुकी है।”
शिकायत में सिख्स फॉर जस्टिस के प्रमुख और वांछित खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून द्वारा जारी एक वीडियो का भी हवाला दिया गया है, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि AAP को 2014 और 2022 के बीच खालिस्तानी समूहों से 16 मिलियन अमेरिकी डॉलर मिले।
उपराज्यपाल कार्यालय ने दावा करते हुए यह भी आरोप लगाया गया है कि केजरीवाल ने 2014 में अपनी यात्रा के दौरान गुरुद्वारा रिचमंड हिल्स, न्यूयॉर्क में खालिस्तानी नेताओं के साथ बंद कमरे में बैठकें की थीं। केजरीवाल ने कथित तौर पर खालिस्तानी गुटों से AAP को पर्याप्त वित्तीय सहायता के बदले में भुल्लर की रिहाई की सुविधा देने का वादा किया था।