बाढ़ ग्रस्त आश्रितों को केजरीवाल सरकार एक-एक करोड़ का मुआवजा दे : चौ0 अनिल कुमार
न्यूज ऑनलाइन एसएम
सचिन मीणा
नई दिल्ली।
दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की दिल्ली के प्रति बेरुखी और राजनीतिक अकांक्षाओं की पूर्ति की एकतरफा सोच ने दिल्ली को बाढ़ के संकट में धकेल दिया है। दिल्ली सरकार यदि समय रहते लोगों को बाढ़ के खतरे की सूचना दे देती तो दिल्ली के लोगों को इतना अधिक नुकसान नही झेलना पड़ता। उन्होंने कहा कि सड़को पर बारिश और बाढ़ का पानी आने से किसानों, बड़े व्यापारियों, लघु, छोटे कारोबारियों, सहित मजनू का टीला से बदरपुर तक सड़कों व रेहड़ी पटरी लगाने वाले वाले लोगों का भी बड़ा नुकसान हुआ है। बाढ़ से हुए नुकसान के आंकलन के लिए दिल्ली सरकार उच्च स्तरीय कमेटी गठित करके सर्वे कराऐं और पीड़तों को राहत देने हेतू बड़ी घोषणा करे, सरकार द्वारा 10 हजार रुपये राहत की घोषणा नकाफी है। प्रदेश अध्यक्ष ने मांग की मानसून में मरने वाले लोगों के आश्रितों को दिल्ली सरकार एक-एक करोड़ का मुआवजा दे।
वही संवाददाता सम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष चौ0 अनिल कुमार के साथ दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री डा0 नरेन्द्र नाथ, प्रदेश उपाध्यक्ष एवं पूर्व विधायक जय किशन, कम्युनिकेशन विभाग के चेयरमैन एवं पूर्व विधायक अनिल भारद्वाज, पूर्व विधायक हरी शंकर गुप्ता, बूथ मैनेजमेंट कमेटी के चेयरमैन राजेश गर्ग, कम्युनिकेशन विभाग के वाईस चेयरमैन अनुज आत्रेय और विक्रम लोहिया भी मौजूद रहे।
चौ0 अनिल कुमार ने कहा कि दिल्ली में बाढ़ के बाद सरकार के सामने बाढ़ प्रभावित लोगों के पुनर्वास, महामारी फैलने का खतरा, जलभराव वाली जगहों से मलबा सफाई और यमुना से समीप रह रहे लोगों को हुए भारी नुकसान की भरपाई करना सबसे बड़ी चुनौती है। परंतु अफसोस मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल दिल्ली पर आए हर संकट के समय पूरी तरह विफल साबित रहे है चाहे वह 2020 में दिल्ली में हुए दंगे हो, कोविड महामारी हो या दिल्ली में आई भीषण बाढ़। केजरीवाल हर बार दिल्लीवालां के लिए कसौटी पर शून्य साबित हुए है, क्योंकि हर बार जवाबदेही से बचने के लिए लोगों का ध्यान हटाने के लिए मुख्यमंत्री विषय परिवर्तित करके आरोप प्रत्यारोप करना शुरु कर देते है। उन्होंने कहा कि सरकार की जिम्मेदारी संकट के समय जनता को सुरक्षा देने की है लेकिन पिछले 9 वर्षों अरविन्द केजरीवाल पूरी तरह निष्क्रिय मुख्यमंत्री साबित हुए है।