Delhi: गाजीपुर कूड़ा स्थल से कचरा हटाने की गति संतोषजनक नहीं: मुख्यमंत्री केजरीवाल

News Online SM

Sachin Meena

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को गाजीपुर ‘लैंडफिल’ (कचरा फेंकने के स्थान) का दौरा किया और कहा कि इस जगह से कचरा हटाए जाने की गति ”संतोषजनक नहीं” है.

केजरीवाल ने संवाददाताओं से कहा कि उन्होंने दिल्ली नगर निगम की स्थायी समिति के गठन के बाद उसकी मंजूरी से दो और एजेंसी की सेवाएं लेने का सुझाव दिया है, ताकि काम में तेजी लाई जा सके. उन्होंने कहा कि तीन कंपनियों को एक संयुक्त उपक्रम के तहत गाजीपुर कूड़ा स्थल में कचरा शोधन का काम सौंपा गया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब से इन तीनों एजेंसी ने परियोजना पर काम शुरू किया है, उनके बीच ‘‘विवाद है.’’ उन्होंने कहा कि कूड़ा स्थल से कचरा हटाने की गति ‘‘कतई संतोषजनक नहीं है.’’ उन्होंने कहा, ‘‘पहले से ही एक अन्य एजेंसी को नियुक्त करने की योजना है, इसलिए मैंने उनसे कहा है कि वे एक के बजाय दो एजेंसी को नियुक्त करें, ताकि काम में तेजी आ सके और हम कचरे के इस पहाड़ को जल्द से जल्द साफ कर सकें.’’ मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार स्थायी समिति गठित हो जाए और दो नई एजेंसी को नियुक्त करने की मंजूरी दे दी जाए, तो ‘‘हम इस बात पर विचार करेंगे कि मौजूदा एजेंसी की सेवा जारी रखी जाए या नहीं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘मुझे बताया गया है कि एमसीडी ने स्थायी समिति की मंजूरी के लिए अपनी कागजी कार्रवाई पूरी कर ली है.’’ नगर निगम के अधिकारियों ने कहा था कि गाजीपुर में कूड़े के पहाड़ को खत्म करने के लिए दिसंबर 2024 का लक्ष्य रखा गया है. गाजीपुर लैंडफिल में कूड़े के पहाड़ की ऊंचाई 2019 में 65 मीटर थी जो कुतुब मीनार की ऊंचाई से महज आठ मीटर कम है. गाजीपुर स्थित कूड़े का पहाड़ 2017 में ढह कर सड़क पर गिर गया था जिसकी चपेट में आकर दो लोगों की मौत हो गई थी. आम आदमी पार्टी (आप) ने दिसंबर में हुए नगर निकाय चुनाव से पहले तीन कूड़ा स्थलों से कूड़ा हटाने को अपने चुनावी एजेंडे में शामिल किया था। इस चुनाव में ‘आप’ ने जीत हासिल की थी.

केजरीवाल ने बुधवार को ओखला ‘लैंडफिल’ स्थल का दौरा किया था और कहा था कि विशाल कचरा स्थल से कचरे को हटाने और इसके निपटान का काम अनुमानित लक्ष्य से पीछे चल रहा है. मुख्यमंत्री ने इससे कुछ ही दिन पहले भलस्वा ‘लैंडफिल’ स्थल पर किए जा रहे काम का निरीक्षण किया था. केजरीवाल ने बुधवार को कहा था कि ओखला स्थित कचरे के पहाड़ में 45 लाख टन कूड़ा था। उन्होंने कहा था कि इसका निपटान करने और धीरे-धीरे इसे हटाने के लिए पिछले साल नवंबर में काम शुरू हुआ और मई 2024 तक 30 लाख टन कचरा हटाने का लक्ष्य है. उन्होंने कहा कि काम की गति तय लक्ष्य की तुलना में थोड़ी धीमी है. उन्होंने कहा था कि अब तक 18 लाख टन कचरा हटाया जाना था, लेकिन इसके सापेक्ष केवल 12 लाख टन कचरा ही हटाया जा सका है.

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