Assembly Elections 2023: चुनावी महासमर में आज है फैसले का दिन, किसके सिर पर सजेगा ताज, कौन होगा बादशाह!

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Sachin Meena

सत्ता की सियासत हर वक्त-हर पल नये समीकरण के साथ नये-नये प्रयोग करती है। बीते 7 नवंबर को मिजोरम में हुए मतदान के साथ शुरू हुआ सत्ता का संघर्ष तारीख-दर तारीख छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, राजस्थान और तेलंगाना होते हुए वोटिंग के बाद अब कुछ ही घंटों में अपने आखिरी परिणीति तक पहुंचने वाला है।

पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव को 2024 से पहले लोकसभा का सेमीफाइनल माना जा रहा है।

जी हां, पांच राज्यों में चार राज्य में किससे सिर पर सजेगा ताज और किसके सिर फूटेगा चुनावी हार का ठिकरा, यह महज चंद घंटों में देश के सामने होगा। पांच में से चार राज्यों की जनता का वोट इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की कैद आजाद होगा और उसके बाद पता चलेगा कि जनादेश किसके पक्ष में गया है।

सियासी दलों की बात करें तो भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और कांग्रेस, आम आदमी पार्टी (आप) जैसे मुख्य राष्ट्रीय दलों के अलावा भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल मुस्लिमीन (आईएमआईएम), समाजवादी पार्टी (सपा), बहुजन समाज पार्टी (बसपा), मिजो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) जैसी क्षेत्रीय पार्टियां सत्ता की दावेदारी को लेकर जनता के सामने अपने-अपने दावे और तर्क दे रहे थे।

आज शुरू हो रहे मतगणना में चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में कुल 638 विधानसभा सीटों पर परिणाम सामने आएंगे। इनमें मध्य प्रदेश की 230 सीटें, छत्तीसगढ़ की 90 सीटें, तेलंगाना की 119 सीटें और राजस्थान की 199 सीटें शामिल हैं।

मिजोरम विधानसभा चुनाव की मतगणना के लिए चुनाव आयोग ने नतीजों की तारीख बदल दी है क्योंकि वहां चुनाव लड़ रही सभी राजनीतिक दलों ने और जनता ने मांग की थी मतगणना रविवार की बजाय अन्य दिन में कराई जाए क्योंकि मिजोरम ईसाई बहुल राज्य है और वहां पर रविवार को धार्मिक पूजा-पाठ में लगे रहते हैं। इस कारण आयोग वहां पर सोमवार को मतगणना करायेगा।

मध्य प्रदेश-

मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 17 नवंबर को 230 सीटों पर वोटिंग हुई थी। यहां सीधा मुकाबला भाजपा बमाम कांग्रेस में है और जिन दो नेताओं की साख दांव पर है, उनमें कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ है और भाजपा की और से मौजूदा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान हैं।

इस विधानसभा चुनाव में मध्यप्रदेश में रिकॉर्ड 76.22 फीसदी मतदान हुआ है। इस कारण से हार-जीत का पेंच सीधे-सीधे कमल और पंजा के इर्दगिर्द घूम रहा है। साल 2018 के विधानसभा चुनाव में भी दोनों पार्टियों के बीच कांटे की टक्कर हुई थी। तब कांग्रेस को 40.89 फीसदी वोट मिले थे, जबकि बीजेपी को 41 फीसदी वोट मिले थे।

मध्य प्रदेश का यह चुनाव इस कारण से भी खास है क्योंकि भाजपा ने कई केंद्रीय मंत्रियों को विधानसभा का चुनाव लड़वाया है। अब देखना है कि जनता किसे चुनकर विधानसभा भेजती है और पांच साल के लिए सत्ता की कुंजी सौंपती है। फिलहाल मध्य प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान, नरोत्तम मिश्रा, कमलनाथ, जीतू पटवारी, नरेंद्र सिंह तोमर, रीति पाठक, गणेश सिंह, कैलाश विजयवर्गीय, प्रहलाद सिंह पटेल, राकेश सिंह और फग्गन सिंह कुलस्ते जैसे महारथियों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है।

राजस्थान-

राजस्थान की 200 सदस्यों वाली विधानसभा में 199 सीटों पर ही वोट डाले गये हैं क्योंकि श्रीगंगानगर जिले की श्रीकरणपुर सीट के मौजूदा विधायक और कांग्रेस प्रत्याशी गुरमीत सिंह कुन्नर के निधन के कारण एक सीट पर चुनाव को स्थगित कर दिया गया है।

राजस्थान में भी भाजपा और कांग्रेस में सीधी टक्कर है। अशोक गहलोत बनाम नरेंद्र मोदी के चेहरे पर लड़े गये इस चुनाव में सत्ता बदलने का रिवाज कायम रहता है या बदलता है, यह तो कुछ ही देर में साफ हो जाएगा लेकिन इतना तो तय है कि इस चुनाव के परिणाम साल 2018 के चुनाव से अलग रहेंगे।

राजस्थान में 25 नवंबर को वोटिंग हुई थी और कुल 75.45 फीसदी मतदान हुआ। आज मतों की गिनती के बाद साफ होगा कि बहुमत का जादुई नंबर 101 भाजपा पार करती है या कांग्रेस।

जहां तक साल साल 2018 के विधानसभा चुनाव का सवाल है तो उस वक्त कांग्रेस को 39.30 प्रतिशत वोट के साथ 100 सीटें मिली थीं। वहीं बीजेपी को 38.77 प्रतिशत वोट के साथ 73 सीटों मिली थी। इस चुनाव में अशोक गहलोत, सचिन पायलट, वसुंधरा राजे, सांसद दीया कुमारी, डॉ. किरोड़ीलाल मीणा, बाबा बालकनाथ, कर्नल राज्यवर्धन सिंह राठौड़, भागीरथ चौधरी, नरेन्द्र कुमार और देवजी पटेल के भाग्य का फैसला चंद घंटों में दुनिया के सामने होगा।

छत्तीसगढ़-

छत्तीसगढ़ में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं और यहां पर सीधी लड़ाई कांग्रेस और बीजेपी के बीच में है। साल 2018 के चुनाव में कांग्रेस के भूपेश बघेल ने भाजपा को हराकर करीब 15 सालों के बाद सत्ता पर कब्जा किया था। मजे की बात है कि इस चुनाव में भी बीजेपी बिना सीएम के चेहरे के कांग्रेस और भूपेश बघेल से मुकाबला कर रही है।

अगर भूपेश बघेल लगातार दूसरी बार छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार बनाने में सफल रहते हैं तो इतना तय है कि कांग्रेस में उनका कद ऊंचा हो जाएगा। छत्तीसगढ़ में कुल दो चरणों में हुए मतदान में 76.31 फीसदी वोटिंग हुई।

यहां पर आज भूपेश बघेल, रमन सिंह, विजय बघेल, अमित जोगी, टीएस सिंहदेव, मोहन मरकाम, कवासी लखमा , रेणुका सिंह , चरणदास महंत के भाग्य का फैसला होगा।

तेलंगाना-

तेलंगाना में विधानसभा की 119 सीटों पर 70.60 प्रतिशत मतदान हुआ। यहां पर सत्ताधारी बीआरएस, कांग्रेस , भाजपा के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है। इस चुनाव में सीधे-सीधे बीआरएस प्रमुख और सूबे के मुख्यमत्री के चंद्रशेखर राव का साख दांव पर है।

अब देखना है कि तेलंगाना की जनता के चंद्रशेखर राव को लगातार दो टर्म देने के बाद हैट्रिक लगाने का मौका देती है या नहीं। केसीआर खुद दो विधानसभा सीटों कामारेड्डी और गजवेल से चुनाव लड़ रहे हैं। इस काणर से ये दोनों सीटें इस बार तेलंगाना की सबसे हॉट सीट मानी जा रही है। मजे की बात है कि केसीआर को कामारेड्डी सीट पर से कांग्रेस के प्रमुख नेता रेवंत रेड्डी सीधी चुनौती दे रहे हैं।

तेलंगाना में न केवल केसीआर बल्कि केटीआर, रेवंत रेड्डी, बंदी संजय, इटाला राजेंद्र, अकबरुद्दीन ओवैसी जैसे दिग्गजों के भी भाग्य का फैसला होगा।

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