Good News for Kids! अब 6 साल से कम उम्र के बच्चों का पहली कक्षा में नहीं होगा एडमिशन! सरकार ने बदला नियम

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Sachin Meena

सरकार ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UTs) को निर्देश दिया है कि अगले शैक्षणिक सत्र (2024-25) से कक्षा 1 में दाखिले के लिए बच्चे की उम्र छह साल से अधिक होनी चाहिए.

शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 और निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 के प्रावधानों के अनुसार यह व्यवस्था की है. मंत्रालय ने इस संबंध में 15 फरवरी को स्कूल शिक्षा और साक्षरता विभाग को पत्र लिखा है और 2024-25 के सत्र से कक्षा 1 में दाखिले के लिए इस नियम को लागू करने के लिए कहा है.

यह बदलाव क्यों ज़रूरी है?

इस बदलाव के पीछे का मुख्य उद्देश्य बच्चों के समग्र विकास को सुनिश्चित करना है. छह साल से कम उम्र के बच्चों का मानसिक और शारीरिक विकास अभी पूरा नहीं होता है. उन्हें सीखने के लिए एक अलग तरह के माहौल की ज़रूरत होती है, जहाँ खेल और गतिविधियों के ज़रिए उनकी जिज्ञासा को बढ़ाया जा सके और उन्हें बुनियादी कौशल सिखाए जा सकें. कक्षा 1 में जल्दी दाखिला लेने से उन्हें दबाव महसूस हो सकता है, जो उनके सीखने और विकास को प्रभावित कर सकता है

इस बदलाव के क्या फायदे होंगे?

बच्चों को उचित उम्र में स्कूली शिक्षा मिलने से उनका मानसिक और शारीरिक विकास बेहतर होगा.
बच्चों को सीखने और समझने का ज्यादा समय मिलेगा, जिससे उनकी बुनियादी कौशल और ज्ञान का स्तर मज़बूत होगा. स्कूल में दाखिला लेने की उम्र एक होने से शिक्षा प्रणाली में एकरूपता आएगी. इससे बच्चों पर पढ़ाई का दबाव कम होगा और वे अधिक खुशी और आत्मविश्वास के साथ सीख सकेंगे.

अभिभावकों को क्या करना चाहिए?

अगर आपके बच्चे की उम्र अभी छह साल से कम है, तो घबराने की ज़रूरत नहीं है. आप उन्हें किंडरगार्टन या प्री-स्कूल में दाखिला दिला सकते हैं, जहाँ उन्हें खेल-खेल में पढ़ाई और सीखने का मज़बूत आधार मिलेगा. छह साल के होने पर वे बिना किसी दबाव के कक्षा 1 में दाखिला ले सकेंगे और बेहतर तरीके से सीख पाएंगे.

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